श्रद्धा के महासंगम में आस्था की डुबकी
बलिया : पौराणिक महत्व के भृगु क्षेत्र में लगने वाले ऐतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेले पर बुधवार की सुबह
बलिया : पौराणिक महत्व के भृगु क्षेत्र में लगने वाले ऐतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेले पर बुधवार की सुबह श्रद्धा के महासंगम का अद्भुत नजारा देखने को मिला।
गंगा के संगम तट पर पहुंचे लाखों लोगों ने आधी रात के बाद आस्था की डुबकी लगाई तथा सहस्त्र वर्ष देव नगरी काशी में निवास करने के बराबर पुण्य लाभ अर्जित किया।
शिवरामपुर संगम तट पर स्नानार्थियों का रेला शाम तक लगा रहा। स्नान के पश्चात लौटने वाली की भीड़ से रेलवे स्टेशन व रोडवेज रात तक गुलजार रहे। एक साथ लाखों लोगों के पहुंचने से महर्षि भृगु की बागी धरती बम-बम करती रही।
कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए मंगलवार दोपहर से ही श्रद्धालुओं के आने का क्रम शुरू हो गया था। रात होते-होते संगम तट पर लाखों लोग इकट्ठा हो गए थे।
अर्द्ध रात्रि 12 बजे के बाद सभी गंगा पूजन कर स्नान का पुण्यलाभ लेना प्रारंभ कर दिए। जैसे-जैसे सूर्य की किरणें चटक होती गईं, स्नानार्थियों की भीड़ बढ़ती गई। महावीर घाट से संगम तट तक श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी थी कि पूरे मार्ग में कहीं तिल भर भी जगह नहीं दिख रही थी। एक तरफ से लोग गंगा तट पर चले जा रहे थे वहीं दूसरी ओर स्नान कर श्रद्धावान शहर की तरफ लौट रहे थे। स्नान का क्रम शाम तक अनवरत चलता रहा। सागरपाली टोंस नदी के तट पर भी हजारों श्रद्धालुओं ने कार्तिक पूर्णिमा का स्नान किया तथा यहां लगे मेले का लुत्फ उठाया।
भृगु मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला
कार्तिक पूर्णिमा के बाद महर्षि भृगु के दर्शन के महात्म्य के कारण पूरे दिन भृगु मंदिर श्रद्धालुओं से पटा रहा। भक्तों को बाबा का दर्शन प्राप्त करने के लिए घंटों कतार में लगना पड़ा। गंगा स्नान कर अधिसंख्य स्नानार्थियों के पांव मंदिर की ओर ही बढ़ रहे थे। भृगु बाबा की जयकार गुंजायमान होती रही और श्रद्धालुजन बाबा दरबार में मत्था टेकते रहे। महर्षि भृगु के दर्शन के पश्चात भक्तों ने बाबा बालेश्वर का भी दर्शन पूजन किया।
सतुआ-मूली का किया सेवन
कार्तिक पूर्णिमा स्नान के बाद मान्यता के मुताबिक लोगों ने सत्तू व मूली का सेवन किया। कुछ ने इसे अपने घर ले जाकर ग्रहण किया तो कुछ ने शहर की दुकानों पर ही इस रस्म को अदा किया। शहर में सतुआ बेचने वालों की दुकानों पर ग्राहकों की संख्या अधिक रही।
खूब बिकी गुड़ही जलेबी
कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर नगर सहित देहात में भी गुड़ही जलेबी की बिक्री खूब हुई। स्नान घाट लगायत नगर व देहात के चट्टी चौराहों तक जलेबी की दुकानें सजीं तथा लोगों ने खूब खरीदारी की। जगह-जगह लगी दुकानों पर खरीदारी करने वालों की भारी भीड़ दिखी।
वाहन के लिए हलकान रहे स्नानार्थी
कार्तिक पूर्णिमा स्नान के बाद शहर में पहुंचे स्नानार्थी वाहनों के लिए काफी हलकान दिखे। शहर में वाहनों के प्रवेश न होने के कारण लोगों को पैदल काफी दूरी तय करनी पड़ी। दोपहर बाद शहर में वाहनों का प्रवेश हालांकि शुरू हो गया पर अत्यधिक संख्या के कारण वाहन कम पड़ जा रहे थे और लोग इधर-उधर भागते रहे।
मुस्तैद रहे पुलिस कर्मी
कार्तिक पूर्णिमा स्नान को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए पुलिस कर्मी मुस्तैदी से डटे रहे। नगर लगायत स्नान घाट पर भारी पुलिस बल की तैनाती थी। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर चक्रमण करते दिखे। स्नानार्थियों की सुरक्षा के साथ-साथ पुलिस कर्मी सबका सहयोग करते भी दिखे। सभी दूर-दराज से आए स्नानार्थियों को मार्ग की सही जानकारी देते रहे।
स्वयंसेवी संगठनों का योगदान
कार्तिक पूर्णिमा स्नान के सकुशल संपन्न होने में स्वयंसेवी संगठनों का अतुलनीय योगदान दिखा। जगह-जगह राहत व सहायता शिविर लगाकर सभी ने लोगों की मदद की। कई संगठनों ने स्नानार्थियों के लिए चाय व शुद्ध पानी का इंतजाम किया तो किसी ने नाश्ते में चना आदि का प्रबंध किया। कई स्थानों पर मेडिकल शिविर भी आयोजित किए गए जहां स्नानार्थियों को चिकित्सकीय परामर्श पर दवाएं उपलब्ध कराई गईं।
रोडवेज को लाखों की आय
कार्तिक पूर्णिमा में जुटने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रोडवेज ने भारी इंतजाम किया था। रोडवेज ने 80 अतिरिक्त बसों का संचालन भी किया था। मंगलवार दोपहर से बुधवार को दिन भर रोडवेज की बसें यात्रियों को ढोती रहीं। एआरएम रोड सुरेंद्र पांडेय के मुताबिक स्नान से रोडवेज को छह लाख की आय हुई।
सरचार्ज के कारण चूक गई रेलवे
प्रतिवर्ष मेले से लाखों की आय अर्जित करने वाली भारतीय रेल इस बार किराये में मेला सरचार्ज के कारण चूक गई। डीसीआई रमाशंकर ने बताया कि प्रबंधन द्वारा पांच रुपये मेला सरचार्ज लगाने के कारण रेल का न्यूनतम किराया 15 रुपया हो गया था। अधिक किराया होने के कारण यात्रियों का झुकाव रेलवे की तरफ नहीं हुआ। कहा इस वर्ष नियमित ट्रेनों का ही संचालन मेले पर हुआ पर रेल की आय में कोई अतिरिक्त वृद्धि नहीं हुई।