ब्लाकों में धूल फांक रहीं फोटोस्टेट मशीनें
बलिया : जनपद के विकासखंड कार्यालयों पर विभिन्न सरकारी कागजातों की छायाप्रति के लिए लगाई गईं फोटोस्ट
बलिया : जनपद के विकासखंड कार्यालयों पर विभिन्न सरकारी कागजातों की छायाप्रति के लिए लगाई गईं फोटोस्टेट की मशीनें विभागीय उपेक्षा से धूल फांक रही हैं। मशीनों पर वर्षों से धूल की मोटी चादर चढ़ी है लेकिन इस पर किसी की नजर नहीं जाती। आलम है कि कार्यालयों में मशीनें पड़ी-पड़ी सड़ रही हैं और विभागीय कर्मी रोजाना हजारों रुपये की छायाप्रति बाहर से कराते हैं। मामूली तकनीकी खराबी के बाद मरम्मत के अभाव में मशीनों को उसी हालत में छोड़ दिए जाने से उनकी स्थिति और भी खराब हो गई है। यह स्थिति कमोबेश जनपद के सभी 17 विकासखंड कार्यालयों की है। विकासखंड कार्यालयों पर काम की आसानी व कर्मियों की सहूलियत के लिए फोटोस्टेट मशीनों को लगाया गया था लेकिन इसकी सार्थकता सिद्ध नहीं हो सकी। मशीन शुरुआती दौर में कुछ दिनों तक तो ठीक-ठाक चली लेकिन देखरेख के अभाव में जल्द ही खराब पड़ गई। मशीनों के बंद होने के बाद ब्लाक के अधिकारी व कर्मी इसे बनवाने को थोड़ा प्रयास जरूर किए पर मुख्यालय से इसके लिए बजट की व्यवस्था न दिए जाने से उसे उसी हाल में छोड़ दिया गया। विभागीय कर्मी रोजाना दो-चार सौ पेज छायाप्रति बाहर से कराते हैं लेकिन इसका पैसा किस बजट से देते यह किसी को जानकारी नहीं है। बड़ी बात तो है कि इन्हीं सब कार्यों के लिए कंटीजेंसी के नाम पर सालाना भारी-भरकम बजट भी आता है पर यह जाता कहां किसी को पता नहीं है। कंटीजेंसी के नाम पर आने वाले बजट में हेरफेर कागजों पर ही काम कराकर धन आहरित कर लिया जाता है और व्यवस्था उसी तरह से चलती रहती है। ऐसे में ब्लाकों पर लगी करोड़ों रुपये की मशीनें इसी तरह से बेकार पड़ी सड़ी रही हैं।
कंप्यूटरों के भी हैं वही हाल
यही नहीं ब्लाकों पर लगे कंप्यूटरों की स्थिति भी इसी तरह से है। आधे से अधिक ब्लाकों पर कंप्यूटर खराब पड़े हुए हैं जिससे काम काफी प्रभावित होता है। यहां लगे कंप्यूटर देखरेख के अभाव में कबाड़ हो गए हैं। ऐसे में किसी भी काम के लिए कर्मियों को बाहर ही भागना पड़ता है।
कंटीजेंसी से करा लें ठीक : डीडीओ
जिला विकास अधिकारी जगत नारायण राय ने कहा कि मामले की जांच कराकर इसका पता कराएंगे। जहां भी ब्लाकों पर मशीनें खराब पड़ी हैं वहां इसे कंटीजेंसी के बजट से बनवाया जा सकता है। कहा जो भी विकासखंड अधिकारी इसका डिमांड भेजेंगे वहां उन्हें धन जारी कर इसे बनवाने की व्यवस्था करा दी जाएगी।