नेपाल ने छोड़ा पानी, इलाकाई लोगों में दहशत
बलिया : जनपद में गंगा व घाघरा दोनों घटाव पर हैं। घाघरा जहां एक सेंमी प्रति घंटे के हिसाब से घट रही ह
बलिया : जनपद में गंगा व घाघरा दोनों घटाव पर हैं। घाघरा जहां एक सेंमी प्रति घंटे के हिसाब से घट रही है वहीं कमोवेश यही स्थिति गंगा की भी है। इसी बीच नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने के बाद इलाकाई लोगों में दहशत बढ़ गई है। उधर दोपहर एक बजे तुर्तीपार डीएसपी हेड पर घाघरा का जलस्तर 62.040 मी दर्ज किया गया। केंद्रीय जल आयोग के जेई धीरेंद्र यादव के अनुसार नदी तुर्तीपार डीएसपी हेड पर चेतावनी लेवल से करीब 97सेंमी नीचे खिसक गई है। विभाग का मानना है कि नेपाल से छोड़ा गया पानी देवरिया में घाघरा में मिलता है। ऐसे में नदी के जलस्तर में फिर वृद्धि हो सकती है।
सिकंदरपुर : दो दिनों तक घटाव पर रहने के बाद घाघरा नदी का पानी पुन: स्थिर हो गया है। इससे जलस्तर में वृद्धि की संभावना बढ़ गई है। इसी के साथ नेपाल द्वारा नदी में पानी छोड़े जाने की चर्चा जोर पकड़ने के साथ ही दियारा के किसानों की सांसें फूलने लगी हैं। उन्हें भय सताने लगा है कि पूर्व की भांति यदि इस वर्ष भी नदी में नेपाली पानी आया तो वह उनकी बर्बादी की इबारत लिखेगा। चर्चा के बीच पानी बढ़ने की प्रतीक्षा के साथ साथ तटीय क्षेत्र के लोग अपने डेरों व माल मवेशियों की सुरक्षा व्यवस्था में लग गए हैं। वह ऐसे सुरक्षित स्थान की तलाश करने लगे हैं जहां नदी के उफनाने के बावजूद पानी न पहुंच सके। उधर जलस्तर में वृद्धि की चर्चा के बीच तटवर्ती गांवों के नागरिक नदी के रुख पर निगाह रखने लगे हैं। वह दिन में झुंड बना कर अनेक बार नदी किनारे पहुंच उसके पानी की ओर निहारने लगे हैं। वह देखने का प्रयास कर रहे हैं कि घाघरा में पानी कब और किस रफ्तार से बढ़ रहा है।
खोलने लगे पीपा पुल
काजीपुर : घाघरा नदी के रुख को देखते हुए खरीद दरौली घाट पुल के पीपों को तेजी से खोलने का काम जारी है। इस कार्य में लगे मजदूरों को आशंका है कि नदी के उफान लेने पर पीपों को खोलने में कठिनाई हो सकती है।