तुर्तीपार हेड पर चेतावनी लेबल पार की घाघरा
बलिया : जिले में घाघरा की लहरें तबाही की इबारत लिखनी शुरू कर दी हैं। बिल्थरारोड तहसील अंतर्गत तुर
बलिया : जिले में घाघरा की लहरें तबाही की इबारत लिखनी शुरू कर दी हैं। बिल्थरारोड तहसील अंतर्गत तुर्तीपार हेड पर नदी देर रात चेतावनी लेबल पार कर गई। उधर सिकंदरपुर क्षेत्र के दियारा सीसोटार में नदी भीषण तबाही मचाए पड़ी है। यहां करीब एक दर्जन डेरे पानी से घिर चुके हैं। कृषि योग्य भूखंड ढाही में तेजी से समा रहे हैं। तीन दिन के अंदर करीब 30 बीघा जमीन घाघरा लील चुकी है। अफरातफरी के बीच दियारे के लोग माल-मवेशियों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने लगे हैं। सीसोटार में ही आस्था का केंद्र काली मंदिर के अस्तित्व पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। मंदिर लहरों में कभी भी समाहित हो सकता है। इसके साथ ही बनखंडी नाथ मठ की दीवारों को भी घाघरा की लहरें चूमने लगी हैं। सीसोटार व लीलकर दियारे में पांच दर्जन से अधिक परिवार प्रभावित हैं।
¨रग बंधा से घाघरा मात्र 15 फीट दूर
सिकंदरपुर : उफनायी घाघरा से दियारा सीसोटार व खरीद में तबाही बदस्तूर जारी है। पल-पल जमीन कट कर नदी में समाहित होती जा रही है। नदी सीसोटार गांव से सटे स्थित ¨रग बंधा से मात्र एक किमी दूर रह गई है। नदी रामदयाल, भागवत, श्रीपत, राजमति, शिवजी, सुरेंद्र, घूरा, मोहन, रामाशीष यादव, रमाकांत चौधरी, विनोद द्वारिका राजभर के डेरों से सट कर बहने लगी है और भवानी स्थान से मात्र 15 फीट दूर रह गई है। सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति दियारा सीसोटार की है जहां ढाही लग जाने से उपजाऊ भूमि के बड़े बड़े टुकड़े कट कर नदी में समाते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में यहां सात बीघा क्षेत्रफल जमीन विभिन्न फसलों के साथ कट कर नदी में समा चुकी है। यहां दियारा लीलकर की सीमा से मगही तक करीब दो किमी की लंबाई में धनुषाकार तेज कटान हो रहा है। नदी जमीन को ढहाती क्रमश: दक्षिण की तरफ बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि एक आस्था केंद्र सहित डेढ़ दर्जन किसानों के डेरा को नदी ने चपेट में ले लिया है। नदी के रुख से भयभीत किसान सुरक्षित स्थानों को जाने के लिए अपना डेरा डंडा समेटने लगे है। कंद की फसल को खेतों से निकाल तथा आसपास खड़े पेड़ों को काट उनकी लकड़ी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने लगे हैं।
घाघरा में बढ़ाव की धीमी रफ्तार
बिल्थरारोड : घाघरा नदी का बढ़ाव गुरुवार को थोड़ा धीमा हो गया। केंद्रीय जल आयोग के जेई धीरेंद्र यादव ने बताया कि तुर्तीपार डीएसपी हेड पर एक सेंमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ती हुई नदी बुधवार की देर रात में ही चेतावनी लेवल 63.010 मीटर को पार कर गई और सुबह दस बजे नदी का जलस्तर 63.100 मीटर दर्ज किया गया जो चेतावनी लेवल से करीब 9 सेंमी ऊपर तक पहुंच गया है। नदी धीरे-धीरे अब खतरे के निशान की तरफ बढ़ रही है।