पारा 43 पार, बढ़ा हीट स्ट्रोक का खतरा
बलिया : आसमान से बरसते अंगारों ने मानव ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों की भी परेशानी बढ़ा दी है। रविवा
बलिया : आसमान से बरसते अंगारों ने मानव ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों की भी परेशानी बढ़ा दी है। रविवार को पारा 43 डिग्री सेल्सियस के ऊपर रहा। ऐसे में हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ गया है। गर्मी से लोग जहां बिलबिला गए हैं वहीं तेज धूप के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। लू के थपेड़ों से मानों पूरा बदन झुलस जा रहा है। तेज धूप व लू की वजह से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। दिन में पड़ रही भीषण गर्मी में लोग बड़ी मजबूरी में ही कहीं निकल रहे हैं। इधर बीच चार-पांच दिनों से शुरू हुई गर्मी में इंसान से लेकर जानवर तक बेहाल हो गए हैं। दोपहर में सड़कों पर भी सन्नाटा पसर जा रहा है जिससे बाजार में भी बिल्कुल रौनक नहीं रहती है। जिनके घर शादी-विवाह आदि लगन है उनकी परेशानी तो और भी बढ़ गई है। ऐसे लोगों को मजबूरी में सामान आदि खरीदने के लिए बाजार में निकलना पड़ रहा है।
बीमारियों का बढ़ा खतरा
मौसम की तल्खी से बीमारियों का खतरा भी काफी हद तक बढ़ गया है। खासकर गर्मी की वजह से बच्चों में मौसमी बीमारियों को लेकर काफी खतरा बढ़ गया है। इसमें उनको थोड़ी सी गर्मी लगने के बाद भ्री बुखार, उल्टी-दस्त आदि की समस्या पैदा हो जा रही है। ऐसे में इस समय जिला अस्पताल में बच्चों को लेकर लोग काफी संख्या में पहुंच रहे हैं।
सदर अस्पताल में बढ़े डायरिया के मरीज
सदर अस्पताल में डायरिया के मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है। कोई ऐसा दिन नहीं कि डायरिया के दो-तीन मरीज यहां न पहुंचते हों। इनके उपचार के लिए महकमे ने तैयारी पूरी कर ली है। सीएमएस डा.पीएन नाडर ने बताया कि ओआरएस के पैकेट यहां प्रचुर मात्रा में सुलभ हैं। मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि लोगों को चाहिए कि वे बासी भोजन से बचें और पेयजल की स्वच्छता पर विशेष रूप से ध्यान दें। लू लगने या किसी भी तरह की परेशानी आने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें। इसमें जरा सी भी उदासीनता मरीज के लिए जानलेवा बन सकती है।
सुराही, घड़े की भी बढ़ी डिमांड
पारे की उछाल के साथ ही सुराही व घड़े की भी डिमांड बढ़ गई है। दुकानों पर इसके खरीदार काफी उमड़ रहे हैं। साधन संपन्न लोग तो अत्?याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं जबकि गरीब तबका इसी पर अपनी निर्भरता जता रहा है। हालांकि अब वो बात नहीं जो पहले कभी थी, बावजूद इसके गरीबों की पसंद सुराही व मटके बने हुए हैं। इसका धंधा करने वाले राम मनोहर, श्रीलाल, हरि गो¨वद आदि ने बताया कि पहले गर्मी के दिनों में इसकी बदौलत अच्छी-खासी कमाई हो जाती थी लेकिन अब गरीब लोग ही इस पर निर्भर हैं।
सूख गए ताल-तलैये, मवेशियों की बढ़ी परेशानी
गर्मी में ताल-तलैये भी सूखने लगे हैं। इस वजह से मवेशियों को काफी परेशानी हो रही है। पहले तालों-पोखरों में जल की उपलब्धता रहने की वजह से मवेशी गर्मी में पूरे दिन उसी में पड़े रहते थे लेकिन अब इनके सूख जाने से उनकी परेशानी बढ़ गई है। बंदर, सियार समेत अन्य जानवर पानी के लिए आबादी की ओर रुख करने लगे हैं। वहीं पक्षियों को भी प्यास बुझाने को इधर-उधर उड़ते देखा जा रहा है।
बिजली से आजिज हैं लोग
बिजली की स्थिति काफी खराब होने से लोग और भी त्रस्त हो गए हैं। लोगों को न तो दिन में चैन मिल रहा और न ही रात को सुकून। चौबीस घंटे में लोगों को बमुश्किल दस घंटे भी सप्लाई नहीं मिल रही है। नगर में पूरे दिन जेनरेटर चलने से गर्मी का प्रकोप और भी बढ़ जा रहा है। दिन भर धुंआ की वजह से लोगों को और भी फजीहत झेलनी पड़ रही है। गांवों में स्थिति तो और भी खराब है। लोगों को यहां पांच घंटे भी बिजली नहीं मिल रही है। ऐसे में गर्मी में बिजली लोगों को और भी मारने का ही काम कर रही है।