धान की बोआई के लिए तीन जोताई आवश्यक
सिकंदरपुर (बलिया) : फसलों की अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए खेत की बेहतर तैयारी आवश्यक है। कृषक
सिकंदरपुर (बलिया) : फसलों की अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए खेत की बेहतर तैयारी आवश्यक है। कृषक स्तर से धान की बोआई हेतु विभिन्न व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कृषि विशेषज्ञ एसएन ¨सह ने बताया कि वर्तमान गर्मी के समय में खेत की यदि जोताई कर दी जाए तो यह तैयारी का प्रथम चरण होगा। इसके बाद भी धान की बोआई हेतु खेत की तीन जोताई आवश्यक है। जोताई के बाद खेत की मेड़ों को मजबूत व थोड़ा ऊंचा किए जाने का सुझाव दिया जिससे कि बारिश का पानी बह कर अन्यत्र न जाए। बताया कि गर्मी की इस जोताई से खेत के जल धारण की क्षमता बढ़ जाती है। साथ ही बारिश का पानी खेत में ही संचित रहता है। बताया कि वर्षा जल के साथ आकाश में मौजूद सल्फरडाइ आक्साइड, नाइट्रोजन आदि खेतों में गिरती है। इससे खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ती और फसल को लाभ पहुंचता है। बताया कि इससे हानिकारक कीट भी नष्ट हो जाते हैं। धान की रोपाई/बोआई के समय खेत में पानी भरकर जोताई कर देने से जो थोड़े बहुत खर-पतवार उगे होते हैं, वह नष्ट हो जाएंगे। इससे फसल का जमाव अच्छा होगा व पैदावार अधिक मिलेगा।