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रंगभरी एकादशी पर उड़ाए अबीर-गुलाल

बलिया : शाकद्वीपीय ब्राह्माण सभा के तत्वावधान में सोमवार को रंगभरी एकादशी धूमधाम से मनाई गई। इस दौरा

By Edited By: Published: Tue, 03 Mar 2015 07:26 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2015 07:26 PM (IST)
रंगभरी एकादशी पर उड़ाए अबीर-गुलाल

बलिया : शाकद्वीपीय ब्राह्माण सभा के तत्वावधान में सोमवार को रंगभरी एकादशी धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान भगवान भाष्कर के पूजन के पश्चात स्वजातीय बंधुओं को एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगा बधाई दी। चित्तू पांडेय चौराहा के समीप पंकज पांडेय के आवास पर इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में संगठन के अध्यक्ष अशोक कुमार पाठक ने रंगभरी एकादशी के महात्म्य पर विधिवत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा था कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम आमलकी है। यह व्रत विष्णु लोक की प्राप्ति के लिए किया जाता है। एक बार महर्षियों ने श्री विष्णु से रंगभरी एकादशी के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने कहा था कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में यदि पुण्य नक्षत्र से युक्त एकादशी हो तो वह महान पुण्य देने वाली और बड़े-बड़े पातकों का नाश करने वाली होती है। इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे रात्रि जागरण करने विशेष फलदायक है। इससे मनुष्य सारे पापों से मुक्त हो जाता है। इस मौके पर कन्हैया पांडेय, डॉ.योगेंद्र पांडेय, डॉ.राजेंद्र पांडेय, तारकेश्वर पांडेय, नारायण पाठक, राजेंद्र पाठक, प्रेम पाठक आदि मौजूद थे। पंकज पांडेय ने आभार जताया।


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