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जन्म से मृत्यु तक जुड़े रहते यज्ञ से : स्वामी ईश्वरदास

सिकंदरपुर(बलिया): स्वामी ईश्वरदास ब्रह्माचारी ने कहा कि जन्म से मृत्यु तक हम किसी न किसी तरह के यज्ञ

By Edited By: Published: Tue, 24 Feb 2015 07:12 PM (IST)Updated: Tue, 24 Feb 2015 07:12 PM (IST)
जन्म से मृत्यु तक जुड़े रहते यज्ञ से : स्वामी ईश्वरदास

सिकंदरपुर(बलिया): स्वामी ईश्वरदास ब्रह्माचारी ने कहा कि जन्म से मृत्यु तक हम किसी न किसी तरह के यज्ञ से जुड़े रहते हैं। वह चाहे दान हो, सेवा ज्ञान अथवा कर्म हो, इन सभी प्रकार के यज्ञों में वैदिक यज्ञ तथा ज्ञान यज्ञ की विशेष महत्ता है। वह क्षेत्र के श्री बनखंडी नाथ मठ डूंहा में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा के तहत भक्तों के बीच प्रवचन कर रहे थे। कहा वैदिक व ज्ञान यज्ञ का समय-समय पर आयोजन कर संपूर्ण विश्व की मंगल कामना करनी चाहिए। हां यज्ञ सात्विक होना चाहिए। भले ही स्वयं के लिए हो अथवा परमार्थ के लिए। इसके पूर्व कर्नाटक से पधारे योगाचार्य जयदेव ब्रह्माचारी द्वारा प्रस्तुत योग कार्यक्रम में भाग लेकर सैकड़ों लोग लाभान्वित हुए। बाद में मठ परिसर में स्थापित होने वाली देवी देवताओं की मूर्तियों को आचार्य पं.रेवती रमण त्रिपाठी के निर्देशन में अन्नाधिवास, फलाधिवास, जलाधिवास, पुष्पाधिवास आदि संस्कार कराए गए। इसके पूर्व भ्रमणोपरांत मूर्तियों के मठ परिसर में पहुंचते ही भक्तों की भीड़ ने जोरदार स्वागत किया। पं.सर्वेश तिवारी, अवनींद्र, मनीष दुबे, चिंटू पांडेय, अभय तिवारी, गिरिजा शंकर, रामकृपाल मिश्र आदि मौजूद थे।


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