धूप बेअसर, सर्द हवाओं ने बढ़ाई कंपकपी
बलिया : पिछले पांच दिनों तक दिन में धूप सेंकने वाले लोगों को मौसम की अनिश्चितता ने शनिवार को काफी नि
बलिया : पिछले पांच दिनों तक दिन में धूप सेंकने वाले लोगों को मौसम की अनिश्चितता ने शनिवार को काफी निराश किया। हल्के कोहरे के बीच भगवान भाष्कर ने आंखें खोली जरूर लेकिन धूप में कम ही गरमाहट रही। आलम ये था कि सर्द हवाएं पूरे दिन सनसनाते गुजरती रहीं और गर्म कपड़े पहनने के बाद भी लोगों का तन-मन कांपता रहा।
सर्द हवाओं ने जनपद को फिर पूरी तरह चपेट में ले लिया है। सुबह आसमान में हल्का कोहरा छाया रहा जो लगभग पूरे दिन अपना वजूद बरकरार रखा जिसका नतीजा रहा कि भगवान भाष्कर पूरे दिन लुका-छिपी का खेल खेलते रहे। रेलवे स्टेशन बस अड्डों आदि स्थानों पर लोगों को ठिठुरते देखा गया। प्रतिकूल मौसम में अधिकतर ट्रेनें विलंबित रहीं। उधर बाजारों में गर्म कपड़ों की दुकानों पर खरीदारों की फिर अच्छी-खासी भीड़ दिखने लगी है।
ठंड के बढ़ते ही बाजारों में गर्म कपड़े खासकर अंदर के इनर आदि की मांग जोर पकड़ने लगी है। बाजारों में लकड़ी के कोयले व लकड़ी की चुन्नी आदि की बिक्री काफी बढ़ गई है। इमली के कोयले की मांग सबसे ज्यादा है जिससे इसके भाव भी आसमान छू रहे हैं। लकड़ी जहां 15 से 20 रुपये किलो है तो कोयला 30 से 35 रुपये प्रति किग्रा की दर से बिक रहा है। यही नहीं ठंड में रूम हीटर की भी खरीदारी बढ़ गई है।
अमूमन लोग शनिवार को लोहे का सामान खरीदने से बचते हैं, बावजूद इसके बिजली की दुकानों पर हीटर के लिए लोगों का रेला लगा रहा। बाजार में कई कंपनियों के रूम हीटर मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। इनकी रेंज तीन सौ रुपये से प्रारंभ हो रही है।
नहीं जल रहा अलाव
घने कोहरे के बीच ठंड बढ़ती ही जा रही है। गरीबों के लिए यह ठंड काफी दुखदायी साबित हो रही है। बावजूद इसके नगर में कहीं भी अलाव नहीं जलवाया जा रहा है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। न तो जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है और न ही नगर पालिका परिषद। स्वयं सेवी संस्थाएं भी इस दिशा में उदासीनता बरत रही हैं। इससे गरीब तबके को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। अगर सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था हो जाती तो लोगों को काफी राहत मिल जाती।