विलुप्त होती विधाओं की जीवंतता देख इतराया मंच
बलिया : लोक संस्कृति व सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण को विख्यात ददरी के भारतेंदु कला मंच पर शनिवार क
बलिया : लोक संस्कृति व सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण को विख्यात ददरी के भारतेंदु कला मंच पर शनिवार को जब विलुप्त होती नृत्य विधाओं की जीवंत प्रस्तुति हुई तो मंच इतरा उठा।
सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने के उद्देश्य से कराए गए इस आयोजन में पारंपरिक गोंड़ऊ, पखावज, धोबिया व जंघियाफार नृत्य की प्रस्तुति जनपद के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों की टीम ने किया। गोंड़ऊ की प्रस्तुति शंभू गोड़, नंदकुमार गोड़, डफरा की प्रस्तुति शिवनारायण, लल्लन राम, पखावज की मुन्ना पासवान, जंघियाफार नृत्य बंधुजी राजभर तथा राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त भैया जीवन लाल चौधरी ने अपनी कलात्मक नृत्य एवं गीत की प्रस्तुति कर जनसमुदाय का मन मोह लिया। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत बिल्थरारोड के विधायक गोरख पासवान ने फीता काट कर किया। पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मण गुप्त ने इससे पूर्व पारंपरिक विधाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। कलाकारों का स्वागत अधिशासी अधिकारी संतोष कुमार मिश्र ने किया। इस दौरान सभासद अजय सिंह, अजीत वर्मा, ददन यादव, राजेश गुप्त, संतोष वर्मा, नइमदाद खां, मंटू दूबे आदि मौजूद थे।