'गंध बनकर बिखर जाइए, दिल में बसके उतर जाइए..'
सुखपुरा (बलिया) : छठ पूजा के मौके पर पारंपरिक गीत जहां धूम मचाए पड़े थे वहीं दूसरी ओर सजी थी कविताओं
सुखपुरा (बलिया) : छठ पूजा के मौके पर पारंपरिक गीत जहां धूम मचाए पड़े थे वहीं दूसरी ओर सजी थी कविताओं व शेर-ओ-शायरी की महफिल जिसमें कवियों व शायरों ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं से न सिर्फ गुदगुदाया बल्कि सामाजिक परिदृश्य पर भी करारा प्रहार किया। मौका था अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरा का जिसका आयोजन यहां इंटर कालेज के समीप बुधवार की रात छठ घाट पर हुआ था। प्रारंभ में ही बब्बन सिंह बेबस ने अपनी ओज की कविताओं से श्रोताओं में जो जोश भरा वह अंत तक कायम रहा। 'जाति-पांति संप्रदाय का हो न भेदभाव जहां, ऐसा हिन्दुस्तान का संविधान होना चाहिए' सुनाकर उन्होंने भारतीय संविधान में बदलाव की पुरजोर मांग की। उस्मान काविस ने 'हादसे हौसले बढ़ाते हैं हादसा हो तो डर नहीं जाना' सुनाकर श्रोताओं के दिलों में छिपे भय को बाहर करने का प्रयास किया। माधुरी सिंह मधु ने 'उम्र भर घाट के गीत गाते रहो दर्द में भी सदा मुस्कुराते रहो' सुनाकर वाहवाही लूटी। महफिल की शान बने तो वह रामाधार व्याकुल ही थे जिन्होंने 'गंध बनकर बिखर जाइए, दिल में बसके उतर जाइए, सर्वदा हम जिंदा रहें काम कुछ ऐसा कर जाइए' सुनाकर श्रोताओं में कुछ बेहतर कर गुजरने का जज्बा भरा। हैदर लारी ने 'हर अदा में है तुम्हारे जुल्म की परछाइयां, क्या करोगे जब वक्त लेगा अंगड़ाइयां' सुना वाह वाही लूटी। अनिल चौबे व बादशाह प्रेमी ने अपनी हास्य व्यंग्य रचनाओं से श्रोताओं को खूब हंसाया। इसी क्रम में प्रभा शंकर शुक्ल, पूनम श्रीवास्तव, तारकेश्वर मिश्र, बृजमोहन प्रसाद अनारी, राजू वारसी, रामविलास चौहान, गोपाल जी चितेरा, सच्चिदानंद पांडेय, रवि प्रकाश चौहान, जीतेंद्र प्रताप ने भी अपनी रचनाएं पेश कीं। मुख्य अतिथि पूर्वाचल बैंक सुखपुरा के शाखा प्रबंधक अनिल कुमार सिंह व विशिष्ट अतिथि पूर्व चेयरमैन जिला पंचायत श्याम बहादुर सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आयोजक उमेश सिंह ने स्वागत किया। आयोजन को सफल बनाने में बसंत सिंह, जनार्दन गुप्त, चुन्ना गुप्त, संतोष गुप्त, रमाशंकर यादव, उमाशंकर आदि का अहम योगदान था।
श्रद्धा स्मारिका का विमोचन
इस अवसर पर प्रथम बार प्रकाशित स्मारिका श्रद्धा का विमोचन मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि सहित मंचासीन कवियों ने संयुक्त रूप से किया।
महावीर को शिक्षा, विजेंद्र को प्रतिभा गौरव सम्मान
कवि सम्मेलन व मुशायरा के मुख्य अतिथि अनिल कुमार सिंह व अन्य विशिष्ट जनों ने शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए महावीर प्रसाद को शिक्षा गौरव सम्मान प्रदान किया। कस्बे के होनहार युवक विजेंद्र पाल सिंह को इनकम टैक्स कमिश्नर बनने पर उसे प्रतिभा गौरव सम्मान से नवाजा गया। सम्मान में स्मृति चिह्न, अंगवस्त्रम व प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। श्री गुप्त ने अपना सम्मान स्वयं ग्रहण किया जबकि विजेंद्र पाल का सम्मान उसकी अनुपस्थिति में उनके पिता रमाशंकर सिंह को दिया गया। इसी क्रम में मुख्य अतिथि ने कवियों व आयोजन से जुड़े आकाश, अभिमन्यु, प्रमोद कुमार, मनीष कुमार को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इसके पूर्व आयोजक उमेश सिंह ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया।