प्रेम के भूखे होते हैं भगवान
बेरुआरबारी (बलिया) : भगवान प्रेम के भूखे होते हैं जो भक्त सच्चे मन से प्रभु नारायण को याद करेगा प्रभ
बेरुआरबारी (बलिया) : भगवान प्रेम के भूखे होते हैं जो भक्त सच्चे मन से प्रभु नारायण को याद करेगा प्रभु उसको सहज ही मिल जाएंगे। इसके लिए इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं है प्रभु तो हमारे कण-कण में बसे हैं।
उक्त बातें क्षेत्र के प्रसिद्ध शिव मंदिर श्री शोक हरण नाथ असेगा के प्रांगण में चल रहे नौ दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत गीता सत्संग में उपस्थित सैकड़ों भक्तों से प्रवचन के दौरान पं.शीतल प्रकाश जी महाराज ने कहीं। बताया कि यह हो जाए वह हो जाए तो मैं भगवान को लड्डू का भोग लगाउंगा, हरिकीर्तन कराउंगा, यह ठीक नहीं है। जो सबको खिलाता है, पल-पल सब पर नजर रखता हो उनको हम आप क्या दे सकते हैं। वे तो बस भाव के भूखे होते हैं। इस अवसर पर मुख्य यजमान सदाफल देव इंटर कालेज पकड़ी के प्रधानाचार्य आशीष प्रताप सिंह ने पं.शीतल जी महाराज व सभी कथा वाचकों को पुष्प अर्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ कराया। कथा के दौरान समाजसेवी हरिकेंद्र सिंह, सुनील सिंह, नन्हकू सिंह, मदन, राकेश आदि मौजूद थे।