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लोकरस में झलकी समृद्ध भोजपुरी संस्कृति

बलिया : लोकरस 2014 के मंच पर रविवार रात संगीत प्रेमियों ने भोजपुरी संस्कृति की समृद्ध विरासत का बखूब

By Edited By: Published: Mon, 20 Oct 2014 06:24 PM (IST)Updated: Mon, 20 Oct 2014 06:24 PM (IST)
लोकरस में झलकी समृद्ध भोजपुरी संस्कृति

बलिया : लोकरस 2014 के मंच पर रविवार रात संगीत प्रेमियों ने भोजपुरी संस्कृति की समृद्ध विरासत का बखूबी अहसास किया। टाउन हाल में आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम में लोकगीत गायकों ने अपनी आवाज व अंदाज का न सिर्फ जलवा बिखेरा बल्कि कार्यक्रम में आए लोगों को लोक संगीत की सरिता में गोता लगाने को मजबूर कर दिया। मऊ के देवानंद देव ने सोहर सुनाकर कार्यक्रम का आगाज किया तो इसी परंपरा को आगे बढ़ाया सिवान के धनंजय शर्मा ने। अंजनी उपाध्याय ने दहेज पर आधारित गीत पेश किया तो प्रीति राय ने झूमर सुना लोगों का मनोरंजन किया। मनोहर ने निर्गुन और राजीव राज ने पुर्विया सुनाया। ओम प्रकाश ने विलुप्त हो रही लोक गायकी जंतसार व सेमरा, आशुतोष यादव ने पचरा व सोनू लाल यादव ने लोक गीत सुनाया। लोक गीतों की प्रस्तुति के पश्चात अशोक व उनके साथी कलाकारों ने हुरुका तथा शिवजी व उनके साथियों ने डफरा नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था पहल के सचिव शैलेंद्र मिश्र ने भी अपनी गायकी का जलवा बिखेरा। अपर पुलिस अधीक्षक केसी गोस्वामी व सिटी मजिस्ट्रेट राम सिंह वर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। पहल संस्था के संरक्षक कृष्ण मोहन श्रीवास्तव ने इस मौके पर रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी, विवेकानंद सिंह, डॉ.इफ्तेखार खां, पत्रकार अशोक जी, शैलेंद्र सिंह पप्पू आदि को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। प्रशासनिक व्यवस्थापक मुकेश श्रीवास्तव व सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रभारी लकी शुक्ला ने आभार जताया।


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