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ग्राहक ही बैंकों की असली जमा पूंजी : कर्नम शेखर

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 11:35 PM (IST)Updated: Tue, 02 Sep 2014 11:35 PM (IST)
ग्राहक ही बैंकों की असली जमा पूंजी : कर्नम शेखर

बलिया : भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसकी अर्थव्यवस्था भी कृषि आधारित है। ऐसे में जब किसानों की आर्थिक स्थिति व कृषि की उन्नति होगी तो देश के विकास को स्वत: ही गति मिल जाएगी। उक्त बातें भारतीय स्टेट बैंक मंडल लखनऊ के मुख्य महाप्रबंधक कर्नम शेखर ने मंगलवार को बसंतपुर में आयोजित विशेष ऋण वितरण शिविर में बतौर अतिथि बोलते हुए कहीं। ग्राहकों को बैंक की असली जमा पूंजी बताते हुए कहा कि किसी भी बैंक के विकास में इनका विशेष योगदान है। शिविर में लगभग सात करोड़ के ऋण का वितरण एवं साढ़े 81 लाख की वसूली भी हुई।

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भारतीय स्टेट बैंक कृषि विकास शाखा द्वारा आयोजित इस शिविर में किसानों की बेहतरी के लिए बैंकों में संचालित योजनाओं का उल्लेख किया गया। मंडल के उप महाप्रबंधक गोपाल कृष्ण ने कहा कि बैंक अधिकारियों को चाहिए कि वे ग्राहकों के साथ सदैव उदार रुख अपनाएं। बैंकों में कर्मियों की कमी को स्वीकारते हुए कहा फिर भी ग्राहक हमारा देवता है और देवता का सम्मान हर हाल व परिस्थिति में होना ही चाहिए। वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष कृषि विकास शाखा ने छह करोड़ 92 लाख रुपये के ऋण का वितरण किया। विभिन्न योजनाओं के तहत पूर्व में दिए गए ऋण में से 81 लाख 58 हजार रुपये की वसूली भी हुई। इस दौरान सहायक महाप्रबंधक कृषि डा.पशुपति पांडेय, सहायक महाप्रबंधक मनोज कुमार गुप्त, मुख्य प्रबंधक एससी शर्मा एवं शाखा प्रबंधक वी राम मौजूद थे। इसके पूर्व मुख्य महाप्रबंधक ने कृषि विकास शाखा का निरीक्षण किया तथा व्यवस्थित रखरखाव पर संतोष जताया। इस दौरान सम्मानित ग्राहकों व स्थानीय प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान सुनीता तिवारी, ओमप्रकाश पांडेय, ऋषिचंद्र गुप्त, प्रीति सिन्हा, अभय सिंह, ओमप्रकाश चौबे आदि उपस्थित थे।


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