डकिनगंज हत्याकांड का खुलासा, दो गिरफ्तार
बलिया : पकड़ी थाना क्षेत्र के डकिनगंज नहर के पास एक पखवारे पूर्व गोली मारकर हुई हत्या में शामिल दो बदमाशों को पुलिस ने हथियार के साथ पकड़ी-रतसर मार्ग से बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें एक शातिर अपराधी भी शामिल है। वह लखनऊ में हत्या समेत कई लूट की घटनाओं को अब तक अंजाम दे चुका है। यह यहां अपने मित्र के कहने पर घटना को अंजाम दिया।
12 जुलाई को बदमाशों ने डकिनगंज नहर पटरी पर मंटू यादव निवासी फलपुरवा थाना सिकंदरपुर की गोली मार कर हत्या कर दिया था। पुलिस अधीक्षक राजू बाबू सिंह ने इसके खुलासे के लिए स्वाट टीम के प्रभारी अनिल सिंह व पकड़ी एसओ एसएन सिंह को लगाया। बदमाशों के सुरागकशी को लेकर स्वाट टीम प्रभारी व एसओ आपस में बातचीत कर रहे थे। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि बदमाश रतसर-पकड़ी मार्ग पर लूट की घटना को अंजाम देने के लिए खड़े हैं। पुलिस टीम गड़वार एसओ नीरज पाठक के इन्हें आगे से घेरने की योजना के साथ रवाना हो गई। टीम ने इस मार्ग पर घेराबंदी कर दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के हत्थे चढ़े बदमाशों में कमलेश वर्मा निवासी कोत थाना सिकंदरपुर व शेरू उर्फ आलम निवासी नसीराबाद थाना असवर जिला अंबेडकर नगर शामिल हैं। पुलिस की पूछताछ में इन दोनों ने मंटू की हत्या व रतसर-जिगनहरा मार्ग पर व्यापारी की लूट की घटना स्वीकार की। इनके पास से पुलिस को दो 32 बोर का पिस्टल, तीन कारतूस, एक मोबाइल फोन, बाइक, फाइटर पंच व नकदी 4700 रुपये बरामद हुए। पुलिस कार्यालय में गुरुवार को इसका खुलासा करते हुए एसपी राजू बाबू सिंह ने बताया कि अंबेडकर नगर का रहने वाला शेरू शातिर अपराधी है। इसके खिलाफ लखनऊ विकास नगर में हत्या व अंबेडकर नगर के हसवर थाना में आर्म्स एक्ट का मुकदमा कायम है। श्री सिंह ने मामले का खुलासा करने वाली टीम को पांच हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
बुलाया, शराब पिया-पिलाया व गोली मार दी
मंटू की हत्या की योजना कमलेश व शेरू ने चार दिन पहले ही बना लिया था। लखनऊ में काम करने के दौरान ही कमलेश का परिचय अंबेडकर नगर जनपद के शेरू से हुआ। वहां पर शेरू अभी कुछ दिन पहले ही एक हत्या के मामले में जेल से छूटा था। कमलेश ने उसे अपनी कहानी बताई। इस पर दोस्ती के लिए शेरू उसे मारने के लिए तैयार हो गया। वहां से दोनों पहले अंबेडकर नगर आए। इसके बाद हथियार लेकर बाइक से बलिया कमलेश के गांव कोत आकर रुक गए। कमलेश मोबाइल फोन से सबसे पहले उसे डकिनगंज गाव के पास बुलाया लेकिन मंटू ने आने की गारंटी नहीं दिया। फिर वह कुछ ही पलों में वहां पहुंच गया। कमलेश व मंटू ने नजदीक के एक भट्ठे पर जाकर छककर शराब पिया। इसके बाद वे सब चल दिए। बीच रास्ते में सुनसान जगह देख दोनों ने मिलकर उसे गोली मार दी। इसके बाद भाग निकले। पुलिस के सामने कमलेश ने बताया कि पैसा खत्म होने पर हम दोनों फिर लूट की घटना को अंजाम देने की तैयारी में थे।
प्रेमिका के लिए हटाया रास्ते से
मंटू जिस लड़की से प्रेम करता था उसी लड़की से आरोपी कमलेश भी प्यार करता था। इसको लेकर दोनों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। मृतक मंटू किसी भी कीमत पर उस लड़की के इर्द-गिर्द कमलेश को देखना नहीं चाहता था। कई बार इसको लेकर दोनों के बीच तकरार भी हुआ। पुलिस अधीक्षक के सामने ही आरोपी कमलेश ने बताया कि अगर वह उसे रास्ते से नहीं हटाता तो वह मुझे हटा देता। इसलिए हमने अपने लखनऊ में रहने वाले साथी शेरू का सहयोग लिया।