नगरा ब्लाक में हाट कुक्ड योजना फ्लाप
नगरा (बलिया) : आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत 3 से छह वर्ष तक के बच्चों को मीठी व नमकीन दलिया खिलाने हेतु विश्व बैंक द्वारा पोषित हॉटकुक्ड योजना जनपद के इस ब्लाक में फ्लाप साबित हो रही है।
इस योजना की धनराशि में हो रही व्यापक पैमाने पर बंदरबांट की शिकायत पर इसके संचालन का जिम्मा नई दिल्ली के एक एनजीओ को दिया गया है। दो माह पूर्व समस्त कागजी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पारस एग्रो सोसायटी के पदाधिकारियों ने दावा किया था कि पहली अप्रैल से पका पकाया भोजन बच्चों को मिलने लगेगा। अप्रैल का महीना अब समाप्ति की ओर अग्रसर है। एनजीओ के दावे की हवा निकल चुकी है।
इस ब्लाक में सामान्य 248 व मिनी 145 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे है। इन्हीं केंद्रों पर पंजीकृत 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को एक दिन मीठी व एक दिन नमकीन दलिया व सप्ताह में बुधवार, शुक्रवार को लाई, चना देना है। मीठी व नमकीन दलिया को पका कर पैकेट द्वारा केंद्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एनजीओ की है। इसके लिए केंद्र सरकार प्रति बच्चा 2.25 रुपये की धनराशि देती है। हालांकि सूबे के बाल विकास पुष्टाहार मंत्री का यह गृह जनपद है। लोगों का कहना है कि जब मंत्री के जिले में ही हाट कुक्ड की ऐसी दुर्दशा है तो अन्य जिलों की स्थिति क्या होगी।
एनजीओ की गतिविधियों पर रखी जा रही नजर : जिला कार्यक्रम अधिकारी
जिला कार्यक्रम अधिकारी राम भुवन वर्मा का कहना है कि पहले यह योजना आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जिम्मे थीं। उस परिस्थिति में विभागीय अधिकारियों की जांच पड़ताल करने का अधिकार था किंतु जब से यह योजना एनजीओ को दे दी गई है। यह भी अधिकार छिन गया है। वैसे एनजीओ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इस महीने के अंत तक संभव है बच्चों को इस योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।