'हक लूटे जो जनता का सरकार वही तो नेता है'
बलिया : वज्म-ए-सुखन उमरगंज के संयोजकत्व में बुधवार की शाम संस्था के सचिव हफीज मस्तान के आवास पर शेरी नशिस्त (काव्य गोष्ठी) का आयोजन किया गया जिसमें शायरों ने अपनी उत्कृष्ट रचनाएं प्रस्तुत कर लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम का आगाज रफ्यूद्दीन अंसारी के नातिया कलाम से हुआ। इसके बाद लाल साहब सत्यार्थी ने आज के नेताओं पर जमकर कटाक्ष किया। उनकी रचना 'भ्रष्टाचार घोटाले का अधिकार यहां जो लेता है, हक लूटे जो जनता का सरकार वही तो नेता है' को लोगों का खूब पसंद किया। नवचंद्र तिवारी ने देश भक्ति पर आधारित कविता सुनाई। व्यंग्यकार भोला प्रासद आग्नेय ने अपनी रचनाओं में कुरीतियों पर करारा प्रहार किया। 'वो आंधियां जिन्हें रोशनी से नफरत है, उन आंधियों ने भी मेरा दिया जलाया है' सुनाकर अशोक कंचन जमालपुरी ने लोगों से अपने आचरण में बदलाव लाने की अपील की। संस्था के मंत्री हफीज मस्तान ने 'पैसे की चाह ने हमें अंधा बना दिया, कितना हमारी सोच को गंदा बना दिया' सुनाकर चवाहवाही लूटी। शायर मोइन हमदम की रचना 'कैसे कह दूं मैं इसी गांव में रहना है, डूबने वालों को लोग जब बचाते भी नहीं' ने लोगों पर खूब असर किया। इस मौके पर जनाब मकबूल वाजिद ने अपनी पत्रिका रिसाला-ए-इंसानियत की प्रतियां शायरों को भेंट की। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.जनार्दन राय व संचालन अशोक कंचन जमालपुरी ने किया।