गुरु की कृपा से ही परमात्मा प्राप्ति : डा.बृजेश मणि
सुखपुरा (बलिया) : गुरु चरणों की धूल मात्र के स्पर्श व माथे पर लगाने से मन रुपी दर्पण स्वच्छ होता है। मन के समस्त विकार काम, क्रोध, मद, लोभ का नाश होता है तब जीव परमब्रह्म परमात्मा की कृपा प्राप्त कर लेता है।
यह बातें वाराणसी से पधारे प्रख्यात कथा वाचक डा.बृजेश मणि पांडेय ने कहीं। वह हनुमान जयंती पर संत यती नाथ मंदिर परिसर में आयोजित समारोह में सोमवार की रात बोले रहे थे। कथा के क्रम में हनुमान चालीसा की व्याख्या के दौरान डा.पांडेय ने कहा कि हनुमान में बल, बुद्धि व विद्या का अद्भुत व विलक्षण सामंजस्य है। संत यती नाथ लोक सांस्कृतिक संस्थान की ओर से जयंती समारोह में अयोध्या से पधारे कथा वाचक प्रभाकर मिश्र ने नारद मोह का विस्तार से वर्णन कर भक्तों को अहंकार से दूर रहने की सीख दी। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संत यती नाथ व हनुमान जी के पूजन अर्चन के बाद राष्ट्र के कल्याण व क्षेत्र की सुख समृद्धि के लिए सुंदर कांड का सामूहिक पाठ किया गया। प्रारंभ में कथा मंच पर पहुंचने पर दोनों कथा वाचकों का स्वागत महावीर प्रसाद, वृज मोहन प्रसाद अनारी, वशिष्ठ सिंह, वृजानंद पांडेय, वंदना सिंह, विमला गुप्त, ज्योति सिंह आदि ने माल्यार्पण कर किया। आयोजन समिति के सर्वदेव सिंह, गणेश प्रसाद, पप्पू सिंह, मिंटू व पिंटू पांडेय, संतोष ओझा, अशोक पटेल आदि का समारोह की सफलता में विशेष योगदान रहा। संचालन रमाशंकर यादव ने किया।
भक्ति रस में डूबे रहे भक्त
समारोह में अयोध्या से पधारे भजन गायकों ने एक से बढ़ कर एक भजन गाकर श्रोताओं को भक्ति रस के सागर में डूबो दिया। भजन गायन में कृष्ण कांत पांडेय, केदार रघुवंशी व करुणा कांत पांडेय प्रमुख रूप से शामिल थे।