लैपटॉप, भत्ता, अनुदान रुका, लोग बोले ठीक हुआ
बहराइच : प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा 2 लाख 74704 करोड़ रुपये बजट प्रस्तुत किये जाने पर जिले में मिलीजुली प्रतिक्रिया हुई है। लैपटाप, कन्या विद्याधन और बेरोजगारी भत्ते के लिए किसी प्रकार की कोई धनराशि आवंटित न किये जाने पर प्रबुद्धजनों ने जहां इसकी सराहना की है, वहीं इन योजनाओं से लाभान्वित होने वाले लोगों और उनके परिवारीजनों में इसे निराशाजनक कदम बताया है।
ठाकुर हुकुम सिंह किसान महाविद्यालय के उप प्राचार्य डॉ.मेजर एसपी सिंह का कहना है कि शासन ने लैपटॉप, कन्या विद्याधन और बेरोजगारी भत्ता जैसी योजनाओं को समाप्त कर सार्थक कदम उठाया है। सरकार को ऐसी निरर्थक योजनाओं के बजाय अधिक से अधिक धनराशि ऐसी योजनाओं पर व्यय करनी चाहिए जिससे सार्वजनिक हित हो सके। कर्मचारी नेता संजय कुमार मिश्र का कहना है कि सरकार ने बजट में सड़क, सेतु, ऊर्जा एवं सिंचाई कार्यो के लिए बजट की धनराशि बढ़ाकर अच्छा काम किया है पर इन योजनाओं को अब धरातल पर दिखता चाहिए। उन्होंने कहा कि और अच्छा होता कि यदि कर्मचारियों के हित में कोई नई योजना शुरू की जाती। शिक्षा विभाग से जुड़े शिव लाल ने भी प्रस्तुत बजट को काफी संतुलित बताया है। वरिष्ठ अधिवक्ता सैय्यद शमशाद अहमद एवं मुईनुद्दीन का कहना है कि सरकार ने समाजवादी पेंशन योजना लागू कर गरीब लाचारों के हित में बड़ा काम किया है। अरबी फारसी मदरसे के लिए 240 करोड़ रुपये का बजट पास करने की निसंदेह अल्पसंख्यक वर्ग के गरीबों को काफी राहत मिलेगी। कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए की गई व्यवस्था भी सराहनीय है। शिक्षक नेता वीएस श्रीवास्तव ने भी कन्या विद्या धन, मुफ्त लैपटाप और बेरोजगारी भत्ता समाप्त करने की सराहना की है। इनका कहना है कि इन योजनाओं में जनता की गाढ़ी कमाई मुफ्त बर्बाद हो रही थी। उन्होंने कन्या विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा बिल्कुल मुफ्त किये जाने की वकालत की। व्यापारी विपुल ने इस बजट में व्यापारियों के लिए कोई नई रियायत की घोषणा न किये जाने पर नाराजगी व्यक्त की। गृहणी श्रुति और शोभा का कहना है कि बजट निसंदेह काफी संतुलित है। मगर इसी के साथ महिलाओं के लिए यदि कोई विशेष योजनाओं की घोषणा की जाती है तो बेहतर होता।