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..कैमरे के सामने गंगा नहाना चाहते हैं

बहराइच : भौंरी शिव मंदिर पर शिव शक्ति सेवा दल द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता र

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Feb 2017 12:26 AM (IST)Updated: Mon, 27 Feb 2017 12:26 AM (IST)
..कैमरे के सामने गंगा नहाना चाहते हैं
..कैमरे के सामने गंगा नहाना चाहते हैं

बहराइच : भौंरी शिव मंदिर पर शिव शक्ति सेवा दल द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता राम कोमल मिश्र व संचालन कवि संतोष ¨सह ने किया।

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सम्मेलन की शुरुआत सूर्य विक्रम ¨सह ने - बांसुरी बन सकूं ऐसा स्वर चाहिए, शीश पर मेरे बस तेरा कर चाहिए से की। कवि गजेंद्र प्रियांशु लखनऊ ने पढ़ा- तपाई गई है वही वन में सीता, जिस वन में स्वर्णिम हिरण का नशा है। कवि शिव किशोर तिवारी खंजन ने पढ़ा- है जिनके दर्द सीने में, न वो बेदर्द होते हैं, जो फूलों पर चले हैं वो, कभी काँटों पे चलते हैं। अवधी कवि जमुना प्रसाद पाण्डेय ने प्रेम पर व्यंग करते हुए पढ़ा- प्यार मुहब्बत सिखय का है तब बहुत आराम से सिखव, चहय जहर खाय कय सिखव, चहय जाम से सिखव। कवि आशुतोष श्रीवास्तव ने पढ़ा- मौका न चूकौ हौ भला, चंगा नहाय ल्यो। जमुना नहाय ल्यो, चाहे गंगा नहाय ल्यो । कवि संतोष ¨सह ने पढ़ा - कुछ अंधेरे रौशनी पर हक जमाना चाहते है, कैमरे के सामने गंगा नहाना चाहते है। भेद उन बगुलों का खुलकर सामने है आ गया, हंस बनकर जो पुन: सत्ता में आना चाहते है। इस दौरान आयोजनकर्ता राजन मिश्र, सुधीर कुमार, शुभम मिश्र, वागीश, अंकित ¨सह, अभिनव ¨सह आदि रहे।


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