गांव-गांव पहुंचाएं बैंकिंग सुविधाएं
बहराइच : जिला स्तरीय पुनरीक्षा समिति की त्रैमासिक बैठक विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी सत्येन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के हित को दृष्टिगत रखते हुए बैंकों का संचालन किया जाए। उन्होंने कहा कि बैंकों की कारगुजारी का आंकलन करते समय इस बात को खास महत्व दिया जाएगा कि बैंक ने माइक्रो फाइनेंसिंग में किस स्तर तक आम जनमानस को लाभान्वित किया है।
डीएम ने कहा कि जनपद में जहां की प्रति व्यक्ति आय लगभग 1350 रुपये प्रतिमाह है, बैंक ऐसे व्यक्तियों को ध्यान में रखकर एक्शन प्लान तैयार करें। उन्होंने बैंकों को दोस्त, फिलास्फर और गाइड की भूमिका निर्वहन करने का सुझाव दिया ताकि ग्राहकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाए। किसान क्रेडिट कार्ड की समीक्षा करते हुए डीएम ने बैंकों के निर्देश दिया कि चयनित समग्र ग्रामों में शत प्रतिशत केसीसी निर्गत कर दिये जाएं। उन्होंने उप निदेशक कृषि अनिल कुमार सागर को निर्देश दिया कि बैंकों को लंबित आवेदन पत्रों की सूची उपलब्ध करा दें। डीएम ने कार्यकलाप आधारित दस हजार समूह गठित करने का निर्देश दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि जिले में डेयरी, कृषि और उद्यान के क्षेत्र में तीन-तीन हजार तथा उद्योग के क्षेत्र में एक हजार समूह का गठन किया जाए। उन्होंने मार्च के अंत तक 93 बैंक शाखाओं की स्थापना कार्य की प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया। समीक्षा के दौरान पाया गया कि अब तक 30 शाखाएं ही खुल सकी हैं। बैंकों ने बताया कि उच्च स्तर की स्वीकृति न मिलने से ऐसा नहीं हो सका। इस पर डीएम तथा रिजर्व बैंक के एलडीओ बीके श्रीवास्तव ने कहा कि उच्च स्तर पर आ रही समस्या के लिए उनकी ओर पत्राचार करायें। बैठक में संचालन एलडीएम राजेश कुमार ने किया। इस मौके पर पीडीडीआरडीए डॉ.पीके यादव सहित अन्य अधिकारी तथा बैंक प्रतिनिधि मौजूद रहे।