गलन बढ़ी, ठिठुरन तेज, नहीं जले प्रशासन के अलाव
बहराइच : तराई में कोहरे की मोटी होती चादर के बीच गलन और ठिठुरन बढ़ गई है। आम जनजीवन प्रभावित होने लग
बहराइच : तराई में कोहरे की मोटी होती चादर के बीच गलन और ठिठुरन बढ़ गई है। आम जनजीवन प्रभावित होने लगा है। रोजमर्रा के कामों की गति धीमी हो गई है। दोपहर बाद सूरज के दर्शन हुए। गलन बढ़ने के बाद भी प्रशासन के अलाव कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। लोग अपने पास से ही लकड़ियों को जलवाकर अलाव तापकर ठंड दूर कर रहे हैं।
रविवार की भोर से ही कोहरे की मोटी चादर दोपहर तक छाई रही। दोपहर एक बजे के आसपास सूरज दिखाई दिया। सूरज निकला जरूर लेकिन उसकी किरणों में वह तपिश नहीं थी जो सामान्य दिनों में रहा करती थी। पूरे दिन लोगों को ठंड में गलन का एहसास होता रहा। रुक-रुक कर शीतलहर चलने से कंपकंपाती ठंड की आहट का एहसास हुआ। घरों में रखे रूम हीटर बक्सों से बाहर निकाले गए। घर में गृहणियों बच्चों को लेकर गंभीर रही। उन्हें गर्म कपड़े पहनाकर रजाई में ही कैद रखना मुनासिब समझा। फसल अनुसंधान केंद्र प्रभारी व मौसम वैज्ञानिक डॉ.एमवी ¨सह ने बताया कि दिन का अधिकतम तापमान खासा कम हुआ है। रविवार को अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस रहा। उन्होंने बताया कि अगले कुछ दिनों तक ऐसे ही मौसम के बने रहने का अनुमान उपग्रह से प्राप्त हुआ है। दूसरी तरफ एडीएम विद्याशंकर ¨सह ने बताया कि कड़ाके की ठंड में कंबल बंटवाने और अलाव जलवाने के निर्देश तहसील व नगरपालिका को दिए गए हैं। कहां अलाव जलने नहीं शुरू हुए हैं इसकी जांच कराई जाएगी। नवाबगंज संवादसूत्र के अनुसार कोहरे व सर्द हवा से जन-जीवन अस्त-व्यस्त रहा। सड़कों पर सन्नाटा दिखाई दिया। ठंड से बचने के लिए सिराज अहमद, रकिब अहमद, आरजू आदि दुकानदारों ने स्वयं के संसाधन से चौक घंटाघर व इलाहाबाद बैंक के सामने अलाव जलवाए।