मानदंड पूरा, नहीं बन पाया नगर पंचायत
बहराइच : कैसरगंज के चप्पे-चप्पे पर बदइंतजामी के गहरे दाग हैं। दुश्वारियों और दायित्वों के प्रति लापर
बहराइच : कैसरगंज के चप्पे-चप्पे पर बदइंतजामी के गहरे दाग हैं। दुश्वारियों और दायित्वों के प्रति लापरवाही ने इसे गुजरे वक्त की तुलना में और बदतर शक्ल दे दी है। समय के चक्र के साथ धीरे-धीरे कैसरगंज भी बदला पर आज तक अपना वह मुकाम नहीं बना पाया जिसका कि वह हकदार है। विकास की अपार संभावनाओं पर आधारभूत सुविधाओं की कमी पानी फेर देती है। नगर पंचायत का मानदंड पूरा होने के बाद भी कैसरगंज ग्राम पंचायत की लाइन में खड़ा है। आश्वासनों से आजिज आ चुके लोग अब विधानसभा चुनाव की आहट आते ही कैसरगंज को टाउन एरिया का दर्जा दिलाने की मांग को जोर पकड़ाने लगे हैं। क्षेत्रवासी इसे चुनावी मुद्दा का धार देने में जुटे हैं। शिक्षक मुहम्मद माजिद का कहना है कि कैसरगंज का इतिहास चाहे जितना भी स्वर्णिम रहा हो, लेकिन आज यहां के निवासी एक दर्द समेटे हैं। यहां के लोग इस बात से दुखी है कि उनके समकक्ष कस्बों को नगर पंचायत का दर्जा दिया जा चुका है, लेकिन इसकी उपेक्षा आखिर क्यों की जा रही है। व्यापारी बद्री प्रसाद यज्ञसैनी कहते हैं कि इस कस्बे का दुर्भाग्य है कि इसे तहसील मुख्यालय का दर्जा प्राप्त होने के बाद भी ग्राम पंचायत की कतार में खड़ा कर विकास के द्वार बंद कर दिए गए हैं। राजू शर्मा बताते हैं कि देश एवं प्रदेश में बैठे सत्ता के नुमाइंदे क्षेत्रीय विकास के चाहे जो भी लालीपाप रूपी योजनाओं का हल्ला मचाते हैं लेकिन कैसरगंज के पास कहने के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि वह डिहवा शेर बहादुर ¨सह ग्रामपंचायत के अधीन है। अधिवक्ता अशोक ¨सह का कहना है कि कैसरगंज में तहसील, ब्लॉक, इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज, डाकघर, थाना, अस्पताल, राष्ट्रीय बैंक की शाखाएं आदि हैं, लेकिन कस्बा आज भी ग्राम पंचायत की कतार में खड़ा है। पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष आशीष ¨सह का कहना है कि कैसरगंज के दो किलोमीटर की परिधि को मिला लिया जाए तो नगर पंचायत का दर्जा दिया जा सकता है। अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि यदि ऐनी, कोनारी, पबना, नौगइया, चकपिहानी, बरखुरद्वारापुर को मिला दिया जाए तो नगर पंचायत बन सकता है। व्यापारी हरिद्वारी गुप्ता का कहना है कि नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त करने की सारी अहर्ताएं पूरी करने के बाद भी कैसरगंज अभी भी ग्राम पंचायत के तहत है, यह सोचनीय विषय है। व्यापारी राजू त्रिपाठी का कहना है कि यहां से मात्र नौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित जरवल को टाउन एरिया का दर्जा प्राप्त है, लेकिन तहसील मुख्यालय होने के बावजूद कैसरगंज आज तक टाउन एरिया नहीं बन पाया। इसी कारण यहां विकास की गति बेहद धीमी है। विश्वपाल ¨सह का कहना है कि अगर कैसरगंज को नगर पंचायत का दर्जा दे दिया जाए तो यहां न सिर्फ विकास की गति बढ़ेगी बल्कि कस्बे में वाटर सप्लाई व सड़क आदि की सुविधाएं बढ़ जाएंगी। अधिवक्ता नारायण शर्मा का कहना है कि विधानसभा चुनाव आते ही नेता व उनके समर्थक एक बार फिर झूठे वादे करते दिखाई दे रहे हैं। बद्री नाथ यज्ञसेनी का कहना है कि नगर पंचायत को लेकर चुनावी मुद्दा बनाया जाएगा।