बने बाईपास तो मिले जाम से निजात
बहराइच : जाम की दुश्वारियों से आम राहगीर कराह रहे है। सड़क के एक किनारे से दूसरे ओर जाने में वाहनों क
बहराइच : जाम की दुश्वारियों से आम राहगीर कराह रहे है। सड़क के एक किनारे से दूसरे ओर जाने में वाहनों का रेला थमता नहीं है। भारी वाहन दिन में भी मुख्य मार्ग पर दौड़ रहे है। सड़कों पर आबादी व वाहनों का बढ़ता दबाव जाम का मुख्य कारण है। तीन दशक में नीति निर्माताओं ने शहर के आसपास नई सड़कों के निर्माण का प्लान तैयार नहीं किया। शहरवासी कदम कदम पर जाम से जूझ रहे है। भारी वाहन शहर के बाहर से होकर गुजरे इसके लिए बाईपास बनवाने की आवाज उठने लगी है।
शहर की आबादी मौजूदा समय में तीन लाख का आकड़ा पार कर चुकी है। बचपन में जिन सड़कों को पार करने में महज चंद सेंकेंड लगते थे युवा हो चुके उन लोगों को अब सड़क पार करने में काफी मिनट खर्च करने पड़ रहे है। मिनटों को सफर अब घंटों में पूरा हो रहा है। शहर में गोलवाघाट होकर केडीसी तिराहा, पानी टंकी, अस्पताल चौराहा, डिगिहा तिराहा होते हुए वाहन गोंडा व बलरामपुर की ओर जाते है। इस रास्ते पर दिन रात भारी वाहन गुजर रहे है। आलम यह है कि इस मार्ग पर पैदल चलना खतरे का सबब बन गया है। अस्पताल चौराहा से डिगिहा व गोंडा क्रा¨सग के मार्ग पर जाम की घटनाओं को सड़क से गुजरने वाले राहगीर व वाहन चालकों ने दैनिक क्रिया की तरह कमोबेश स्वीकार कर लिया है। शहर में जब वीआइपी लोगों का आगमन होता है, तो इस मार्ग पर वाहन और यात्रियों का दबाव कम करने के लिए पानी टंकी से जेलरोड, पुलिस लाइन होकर यातायात को डायवर्ट कर दिया जाता है। टिकोरामोड़ से होते हुए गोंडा व बलरामुपर मार्ग पर जाने के लिए अब शहरवासी बाईपास की जरूरत महसूस कर रहे है। एडीएम विद्याशंकर के मुताबिक बाईपास का निर्माण मास्टर प्लान के तहत होता है। यह एक बड़ा कार्य है। गोलवाघाट के पास से नानपारा मार्ग पर बाईपास का निर्माण एनएच 28 सी के निर्माण के हिस्से में शामिल है। जब यह पूरा जाएगा उसके बाद नानपारा, लखीमपर, रूपईडीहा व नेपाल जाने वाले वाहनों को शहर से होकर नहीं गुजरना होगा। फिलहाल गोंडा व बलरामुपर मार्ग पर जाने के लिए शहर से होकर न जाना पड़े इसके लिए ठोस पहल जनप्रतिनिधियों को करनी होगी।