उफ्फ इस कदर मैली हो गई सरयू
बहराइच : माघ के महीने में स्नान-दान कर पुण्य लाभ अर्जन करने के लिए भी आप को एक बार सोचना पड़ सकता है।
बहराइच : माघ के महीने में स्नान-दान कर पुण्य लाभ अर्जन करने के लिए भी आप को एक बार सोचना पड़ सकता है। वजह है इस पवित्र महीने में भी सरयू नदी के घाटों पर कूड़े कचरे का अंबार लगा हुआ है। प्रमुख स्नान पर्वों के निकट आने के बावजूद भी अब तक स्नान घाटों की सफाई नहीं हुई है। वहीं जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी समस्या से अंजान बने हुए हैं।
जिले से बड़ी संख्या में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए लोग इलाहाबाद, हरिद्वार आदि जगहों पर लगने वाले माघ मेले के लिए जाते हैं। स्थानीय सरयू नदी के घाटों पर भी इस मौके पर लोग स्नान -दान के वास्ते पहुंचते हैं। इनके अलावा भी लोग माघ महीने भर नदी स्नान का संकल्प पूरा करते हैं। बावजूद इसके अब तक नदी घाटों पर सफाई नहीं हुई है। शहर के ¨झगहाघाट स्थित सरयू नदी तट पर सफाई व्यवस्था बदहाल है। गंदगी भरे घाटों पर पुण्य लाभ लेने की चाहत पहुंचते ही हवा हो जाती है। गोलवाघाट स्थित मरीमाता घाट पर सरयू का किनारा और भी बदहालीग्रस्त है। सीढि़यों के पास से ही भारी मात्रा में पालीथिन, कूड़ा-कचरा, पूजन सामग्री अवशेष जमा है। नियमित अंतराल पर सफाई न होने से किनारे का पानी दूर से ही काला नजर आता है। माघ महीने में सबसे प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या आगामी आठ फरवरी को जबकि बसंत पंचमी का पर्व 12 फरवरी को है। ऐसे में नदी घाटों की सफाई न किए जाने से श्रद्धालुओं को गंदगी के बीच ही आस्था के विधि -विधानों का निर्वाह करने की मजबूरी होगी।
क्या कहते हैं अधिकारी
एसडीएम सदर बच्चे लाल कहते हैं कि गोलवाघाट स्थित नदी घाट नगरपालिका के क्षेत्र से बाहर है। ऐसे में वहां की सफाई के बारे में संबंधित जिम्मेदार ही कुछ बता सकते हैं। ¨झगहाघाट पर समय-समय पर सफाई की जाती है। फिलहाल नदी तट पर सफाई की योजना नहीं है।