रखरखाव के अभाव में निष्प्रयोज्य सामुदायिक भवन
बहराइच : क्षेत्र के कई ग्रामों में लाखों की लागत से बने सामुदायिक भवन रखरखाव के अभाव में निष्प्रयोज्
बहराइच : क्षेत्र के कई ग्रामों में लाखों की लागत से बने सामुदायिक भवन रखरखाव के अभाव में निष्प्रयोज्य साबित हो रहे हैं। समुदायिक गतिविधियों के उद्देश्य से बनवाये गए भवन का जनहित के किसी कार्य में उपयोग न हो पाने से ये भवन सफेद हाथी बनकर व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न लगा रहे हैं।
बताते चलें कि वर्ष 2004 में तत्कालीन मायावती सरकार द्वारा क्षेत्र के ग्रामों खासकर अंबेडकर ग्रामों में डॉ. अंबेडकर सामुदायिक भवनों के निर्माण की योजना बनाई थी। इस प्रकार के भवनों को बनाने का उद्देश्य था कि ग्रामीण क्षेत्र में आयोजित होने वाले सामाजिक कार्यक्रमों और शादी-विवाह के आयोजन के लिए ग्रामीणों को बिना कुछ खर्च किये कार्यक्रम आयोजन का लाभ मिल सके। इसके लिए बीआरजीएफ को कार्यदाई संस्था बनाकर पयागपुर क्षेत्र के अंबेडकर ग्राम पंचायत पैड़ी, मोहम्मदपुर, ककरहा और सेवा समाधि ग्राम पंचायतों में ऐसे भवनों के निर्माण की स्वीकृति मिली थी। तीनों ग्रामों में सामुदायिक भवन 2007-08 में बनकर तैयार भी हुए। अपने निर्माण काल से ही यह भवन अव्यवस्थाओं का शिकार हो गए। ग्राम पंचायतों द्वारा इनके रखरखाव और सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही बरती गयी। शायद ही किसी भवन में कोई सामुदायिक गतिविधि संचालित हुई और शायद ही किसी गरीब ने इस भवन में आकर अपनी बेटी के हाथ पीले किये हों। 'जागरण' ने इन भवनों की वर्तमान स्थिति और उपयोग की पड़ताल की तो ग्रामीणों ने बताया कि यहां किसी को इसके उपयोग का मौका नहीं मिला। निर्माण के बाद कभी भवन की सफाई या रंगाई-पुताई नहीं करायी गई। हाल के अंदर पुआल रखा हुआ था। कमरों में बंद तालों को देखकर लग रहा है कि वर्षों से कमरे नहीं खुले हैं। पूरे परिसर में झाड़-झंखाड़ लगा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया की वर्तमान में सामुदायिक भवन आवारा पशुओं के तबेले के रूप में इस्तेमाल हो रहा है।