कांजी हाउस बनी शहर की सड़कें
बहराइच : शहर की सड़कों को अगर कांजी हाउस कहा जाए तो गलत नहीं होगा। छुट्टा जानवर सड़कों पर ही दिन भर वि
बहराइच : शहर की सड़कों को अगर कांजी हाउस कहा जाए तो गलत नहीं होगा। छुट्टा जानवर सड़कों पर ही दिन भर विचरण करते रहते हैं। हालात तब और भयावह हो जाते हैं जब सांड़ के हमले में लोग घायल होते हैं और उपचार के बाद लोग दम तोड़ देते हैं। ऐसे एक नहीं कई उदाहरण हैं। नगरपालिका प्रशासन ऐसे मवेशियों को सड़क से हटाने के लिए अपनी जिम्मेदारी का एहसास नहीं कर रहा है। लिहाजा आम आदमी का सड़क से गुजरना मुहाल हो गया है। लोगों में अपने बच्चों को अकेले जाने देने को लेकर दहशत बनी रहती है।
पिछले माह सिविल लाइंस निवासी अभिषेक शर्मा के पिता का देहांत हो गया। वे पिछले छह माह से अधिक समय से पीठ में चोट का इलाज करा रहे थे। यह चोट उन्हें सांड़ के हमले से लगी थी। इसी तरह वजीर बाग निवासी रोहित की बुआ किरन गोयल(45) भी सांड़ के हमले में दम तोड़ चुकी हैं। नाजिरपुरा निवासी मोबीन के पिता सांड़ के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए। सांड़ आए दिन सड़कों पर लड़ा करते हैं, जिससे राहगीरों का आना-जाना तो प्रभावित होता ही है, साथ ही सुरक्षा को लेकर भी मन में दहशत व्याप्त हो जाती है। खत्रीपुरा निवासी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि अब बच्चों को अकेले भेजने में डर लग रहा है। सड़कों पर मवेशी और सांड़ काबिज हैं। ऐसे में बच्चों को कैसे भेजा जाए। शहर की सड़कों से मवेशियों को हटाने का दारोमदार नगरपालिका पर है, लेकिन वह इस मामले में मौन है। उपजिलाधिकारी सदर व प्रभारी नगरपालिका बच्चेलाल ने बताया कि प्रकरण गंभीर है। बातचीत से इसका समाधान निकाला जाएगा।