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सफेद हाथी बनी कैसरगंज की पानी की टंकी

बहराइच : वक्त बदला और आबादी बढ़ी। लोगों ने अच्छे मकान बनवाए। ख्वाब था कि गांव से निकलकर कस्बों में र

By Edited By: Published: Tue, 01 Sep 2015 12:22 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 12:22 AM (IST)
सफेद हाथी बनी कैसरगंज की पानी की टंकी

बहराइच : वक्त बदला और आबादी बढ़ी। लोगों ने अच्छे मकान बनवाए। ख्वाब था कि गांव से निकलकर कस्बों में रहेंगे, लेकिन यहां तो गांव जैसी व्यवस्था भी नहीं है। वह भी पेयजल के मामले में बात हो रही है कैसरगंज तहसील मुख्यालय की। यह कस्बा अपने हालत पर रो रहा है। आजादी के समय में जो पानी की टंकी यहां बनवाई गई थी वह टूटकर गिरने वाली है, लेकिन पाइप लाइन से पानी नहीं दौड़ पाया। पानी की इस टंकी का निर्माण पहली पंचवर्षीय योजना में हुआ था। लोगों की नाराजगी जनप्रतिनिधियों से है, जो वादे में कोताही नहीं करते और फिर क्रियान्वयन के लिए नजर नहीं आते।

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लोगों का कहना है..

जागरण ने इस समस्या को लेकर राय जानी तो अधिकतर लोगों ने इसके लिए जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराया। प्रमोद ¨सह का कहना है कि कस्बे में जलापूर्ति का न होना अपने आप में बेहद हैरत की बात है। जनप्रतिनिधियों को इसके लिए पहल करनी चाहिए। कैसरगंजवासी पानी की टंकी तो ब्लॉक परिसर में देखते आ रहे हैं, लेकिन टोटियों में पानी आज तक नहीं आया है यह हैरत की बात है। विश्वपाल ¨सह का कहना है कि वाटर सप्लाई की व्यवस्था न होने से यहां के निवासियों को हैंडपंप का सहारा लेना पड़ रहा है। विष्णुप्रताप ¨सह ने कहा कि अगर यहां जलापूर्ति की व्यवस्था हो जाए तो कैसरगंज विकसित कस्बों में शुमार हो सकता है। संजय सोनी का कहना है कि तहसील मुख्यालय होने के बावजूद यहां वाटर सप्लाई की व्यवस्था न होना बेहद खेदजनक है। रिजवान ने कहा कि कस्बे में अगर वाटर सप्लाई की व्यवस्था हो जाए तो कस्बे को पेयजल के संकट से छुटकारा मिल सकता है। राजू त्रिपाठी का कहना है कि जनप्रतिनिधि चुनाव के वक्त वादे तो करते हैं, लेकिन उसे निभाते नहीं हैं। यही कारण है कि कैसरगंज में विकास की गति धीमी होती जा रही है। अमरेश गुप्त का कहना है कि वाटर सप्लाई न होने से कैसरगंज में पेयजल की समस्या निरंतर बनी रहती है। तहसील मुख्यालय होने के बावजूद भी पेयजल व्यवस्था सु²ढ़ नहीं है।

क्या कहते हैं ग्राम प्रधान

-डिहवा शेरबहादुर ¨सह के ग्राम प्रधान कौशलेंद्र चौधरी का कहना है कि यहां जलापूर्ति ग्राम पंचायत निधि से करा पाना संभव नहीं है। स्वच्छ पेयजल योजना के तहत पानी की टंकी के निर्माण के लिए सर्वे हो चुका है। शीघ्र ही सार्थक प्रयास किए जाएंगे।


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