सामान्य प्रजाति के गन्ने के रकबे में आई कमी
बहराइच : गन्ना सर्वे 2015 -16 में सामान्य प्रजाति के गन्ने से लोगों का मोह भंग होता नजर आया है। शीघ्
बहराइच : गन्ना सर्वे 2015 -16 में सामान्य प्रजाति के गन्ने से लोगों का मोह भंग होता नजर आया है। शीघ्र प्रजाति की गन्ना पौध के रकबे में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं अस्वीकृत प्रजातियों के गन्ना क्षेत्रफल में भी कमी आई है।
गन्ना मूल्य भुगतान में आने वाली दिक्क्तें, खेती की बढ़ती लागत, उवर्रकों के दाम में बढ़ोत्तरी के बावजूद जिले की प्रमुख नकदी फसल के आच्छादन क्षेत्रफल में कोई विशेष फर्क नहीं पड़ा है। हालांकि सामान्य प्रजाति के गन्ना प्रजातियों की अपेक्षा किसानों ने शीघ्र प्रजाति के गन्ने के बोआई को प्राथमिकता दी है। पिछले सत्र में जहां 4,124 हेक्टेयर में शीघ्र प्रजाति के गन्ने की बोआई जिले में की गई थी वहीं इस बार यह क्षेत्रफल बढ़कर नौ हजार 373 हो गया है। इस प्रकार शीघ्र प्रजाति के गन्ने के कुल बोआई में 131 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। सत्र 2014 -15 में जहां 8507 हेक्टेयर में सामान्य प्रजाति का गन्ना बोया गया था वहीं इस बार इसमें 3.10 प्रतिशत की कमी आई है। जिले में लगभग 8470 हेक्टेयर में सामान्य प्रजाति के गन्ने की बोआई हुई है। वहीं गन्ना सर्वे में जिले में अस्वीकृत प्रजाति का क्षेत्रफल घटा है पिछले वर्ष के 14 हजार 621 हेक्टेयर से घटकर यह आंकड़ा 11 हजार 334 हेक्टेयर पर आ गया है। वर्तमान सत्र में पिछले वर्ष की तुलना में 8.03 प्रतिशत गन्ना पौध की अधिक बोआई किसानों ने की है। जिले के 32 हजार 488 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ना बोया गया है। वहीं 41 हजार 607 हेक्टेयर में पेड़ी गन्ने का आच्छादन है। गन्ना समिति जरवल रोड के तहत पौधा व पेड़ी मिलाकर कुल 20 हजार 710 हेक्टेयर, नानपारा समिति के तहत 27 हजार 464 हेक्टेयर व बहराइच गन्ना समिति के अंतर्गत 25 हजार 921 हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसानों ने गन्ना बोआई की है। वर्तमान गन्ना सत्र में जिले में क ल मिलाकर 74 हजार 95 हेक्टेयर में गन्ने का आच्छादन है जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.09 प्रतिशत अधिक है।
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क्या कहते हैं अधिकारी
जिला गन्ना अधिकारी राम किशन ने बताया कि विभिन्न कारणों से गन्ना क्षेत्रफल घटने के अनुमानों के बावजूद इसमें बढ़ोत्तरी सामने आई है। वहीं किसानों ने शीघ्र तैयार होने वाली प्रजातियों पर भरोसा जताया है