बमुश्किल हो पाई लक्ष्य का 50 फीसदी गेहूं खरीद
बहराइच : मौसम की मार से बचे गेंहूं को सरकारी मूल्य पर बेंचने के लिए भी किसानों को खासी मसक्कत करनी प
बहराइच : मौसम की मार से बचे गेंहूं को सरकारी मूल्य पर बेंचने के लिए भी किसानों को खासी मसक्कत करनी पड़ रही है। मानक की शर्तों से डरे किसानों ने क्रय केंद्रों की अपेक्षा निजी व्यापारियों को ही गेहूं बेचने में भलाई समझी, फिर भी विभाग अब तक 50 फीसदी गेंहूं खरीद पूरी हो जाने का दावा कर रहा है। क्रय केंद्रों पर खुले में रखे गेहूं के बारिश होने पर खराब होने की आशंका भी बनी हुई है।
गेहूं की फसल में किसानों को बेमौसम बारिश के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ा है। उत्पादन 50 फीसदी से भी ज्यादा घट गया है। बार-बार फसल भीगने के चलते दानों की गुणवत्ता भी काफी प्रभावित हुई है। शासन ने गेहूं किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद की व्यवस्था की। मानकों में ढील दिए जाने के बाद किसानों ने क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने की हिम्मत जुटाई, लेकिन क्रय केंद्रों पर मौजूद अव्यवस्थाओं के चलते गेहूं खरीद रफ्तार नहीं पकड़ पाई। खाद्य विपणन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 18 मई तक जिले के 4500 किसान क्रय केंद्रों पर अपनी उपज बेच सके हैं।
44 हजार मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य : रबी विपणन वर्ष 2015-16 में जिले के 91 क्रय केंद्रों के माध्यम से 44 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले में गेहूं खरीद के लिए सात एजेंसियो को नामित किया गया है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी कार्यालय के अनुसार अब तक किसानों से 22194.93 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है, जो लक्ष्य का 50.44 प्रतिशत है।
भुगतान के लिए लगा रहे चक्कर : गेहूं खरीद सीजन में अब तक किसानों से 3198.30 लाख रुपये मूल्य का गेहूं खरीदा गया है, जिसमें से 19.97 लाख रुपये मूल्य का भुगतान अभी बकाया है। गल्ला मंडी स्थित यूपीएसएस के गेहूं क्रय केंद्र प्रभारी अलखराम वर्मा ने बताया कि अब तक 71 किसानों से 3012 ¨क्वटल 50 किलो गेहूं खरीद की गई है। किसानों के लगभग 43 लाख 68 रुपयों में से 23 लाख का भुगतान किया गया। शेष एक हफ्ते में हो जाने की उम्मीद है।
मानकों में दी गई ढील : जिला खाद्य विपणन कार्यालय में प्रभारी सहायक सुखदेव कुमार ने बताया कि पहले 50 प्रतिशत चमक में कमी वाला गेहूं ही खरीदने का नियम था। अब इसकी सीमा बढ़ा दी गई है। वहीं सिकुड़े व टूटे दानों की सीमा 6 प्रतिशत थी। इसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। मानकों में ढील के बाद गेहूं खरीद में तेजी आई है।