छोटी कक्षाओं में तैयार करें भविष्य की रूपरेखा
बहराइच : बेरोजगारी केवल व्यक्ति की ही नहीं, बल्कि राष्ट्र के लिए भी मर्मांतक पीड़ा है। 15-59 वर्ष की
बहराइच : बेरोजगारी केवल व्यक्ति की ही नहीं, बल्कि राष्ट्र के लिए भी मर्मांतक पीड़ा है। 15-59 वर्ष की आयु वर्ग के लोग राष्ट्र की श्रम शक्ति होते हैं। विद्यार्थियों के लिए जरूरी है कि उन्हें व्यवसाय जगत की पर्याप्त जानकारी हो अर्थात विभिन्न व्यवसाय में जाने के लिए शैक्षिक अर्हता, शारीरिक दक्षता, मानसिक तत्परता, प्रशिक्षण की जानकारी व्यवसाय की मांग अर्थोपार्जन एवं सामाजिक स्थिति की जानकारी भी हो, जिससे विद्यार्थी जीवन लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं। कॅरियर की प्ला¨नग छोटी कक्षाओं में ही कर ली जाय।
यह बातें मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र गोरखपुर के मंडलीय मनोवैज्ञानिक कविराज कुमार ने आर्यकन्या इंटर कॉलेज में आयोजित कॅरियर काउंस¨लग कार्यशाला में कही। मनोवैज्ञानिक ने कहा कि जीवन लक्ष्य के अनुसार व्यवसाय अपनाने से व्यवसाय में संतुति प्राप्त होगी। जरूरी है कि हममें श्रम के प्रति निष्ठा, ²ढ़ संकल्प, योजना निर्माण, लक्ष्य प्राप्ति के प्रति प्रतिबद्धता हो। मनोवैज्ञानिक ने फैशन डिजाइ¨नग, ब्यूटीशियन, मॉड¨लग, आभूषण डिजाइ¨नग, कंप्यूटर आदि पाठ्यक्रमों की जानकारी छात्राओं को दी। मनोवैज्ञानिक ने कॅरियर चयन के बारे में कहा कि अपनी आवश्यकता, परिस्थिति तथा प्रतिभा के अनुरूप कोई भी कार्य करें। सच्ची मेहनत का फल मीठा होता है। व्यवसाय चयन के संबंध में एक बात अवश्य ध्यान में रखें कि कोई कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। मानसिकता ही इसे छोटे या बड़े फ्रेम में जड़ती है। विद्यालय की प्रधानाचार्या सारंधारानी ने कहा कि हमारे भविष्य का सपना तभी साकार होगा जब महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हों। इस अवसर पर अर्चना ¨सह, नम्रता सिन्हा, किरन यादव, कमलावती यादव, मुन्नी देवी, सुमित्रा आर्या, कमला देवी आदि मौजूद रहीं। छात्रा कोमल पटवा, तुलसी साहू, मंजू देवी व साक्षी ने मनोवैज्ञानिक से प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाएं शांत की।