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बर्बाद फसल से रुकी दो अन्नदाताओं की सांस

बहराइच : जरवल रोड थाना क्षेत्र के धनराजपुर गांव निवासी किसान मंगलवार सुबह खेत देखने गया था। किसान न

By Edited By: Published: Wed, 22 Apr 2015 12:16 AM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2015 12:16 AM (IST)
बर्बाद फसल से रुकी दो अन्नदाताओं की सांस

बहराइच : जरवल रोड थाना क्षेत्र के धनराजपुर गांव निवासी किसान मंगलवार सुबह खेत देखने गया था। किसान ने गेहूं की बालियों को देखा तो उसमें दाने नहीं थे। इसे देख वह सकते में आ गया। वापस घर आते समय रास्ते में उसके सीने में तेज दर्द उठा और दमतोड़ दिया। किसान की मौत से घर में कोहराम मच गया। मृतक की पोती की 24 तारीख को वरीछा होनी प्रस्तावित है। सूचना पर एसडीएम जेपी ¨सह ने गांव पहुंचकर जांच की। रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी है।

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धनराजपुर गांव के रहने वाले सर्वजीत वर्मा(55) पुत्र बाबूलाल वर्मा सुबह 6 बजे खेत में गेहूं की फसल देखने गए थे। बारिश के चलते फसल खराब हो गई थी। बालियों में दाने नहीं थे। इसी के कुछ देर बाद उनके सीने में दर्द उठा। बेटा महेश उन्हें घर लेकर आया, जहां कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई। मृतक के पास पांच एकड़ जमीन है। इसी जमीन पर खेती कर पांच बेटों का पालन पोषण हो रहा था। परिवारीजनों ने बताया कि एक वर्ष पूर्व इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक जरवल कस्बा से एक लाख रुपये का ऋण खेती के लिए लिया था। मृतक की पोती संध्या(18) का विवाह गोंडा से तय हुआ था, जिसकी वरीक्षा आगामी 24 अप्रैल को होनी थी। जिला पंचायत सदस्य अवधेश वर्मा ने गांव पहुंचकर इसकी सूचना जिलाधिकारी को दी। कुछ ही देर बाद उपजिलाधिकारी कैसरगंज जेपी ¨सह, लेखपाल बुद्धि सागर, सुरेश गुप्ता व कानूनगो गिरधारीलाल के साथ मौके पर पहुंचे और बर्बाद फसल को देखा। एसडीएम ने बताया कि रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई है। उचित मुआवजा दिलाया जाएगा।

इसके अलावा नवाबगंज थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत मनवरिया बोझा के मजरा बकतापुरवा गांव निवासी किसान सीताराम(40)पुत्र परशुराम ने गेहूं की पैदावार को देखकर खलिहान में ही सदमे से दमतोड़ दिया। बताया जाता है कि आर्थिक तंगी से जूझ रहा किसान सीताराम अविवाहित था और उसके तीन भाइयों के परिवारों की परवरिश की जिम्मेदारी सीताराम पर थी। तीन भाइयों के बीच 10 बीघा पुश्तैनी जमीन थी। सीताराम ने पहले से ही गांव के अली अहमद से 25 हजार रुपये कर्ज लेकर खेती में लगा दिया था। मौसम की मार से उसकी काफी फसल बर्बाद हो चुकी थी। बची गेहूं की फसल की कटाई कर उसने थ्रेशर से मड़ाई करवाई थी। 10 बीघा खेत में मात्र तीन ¨क्वटल गेहूं निकलने से सदमा लगा और दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई।


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