तालाब की सेवा कर कमा रहे पुण्य
बहराइच : तालाब की सेवा करना कोई राजेश से सीखे। तट की साफ-सफाई से ग्रामीण आकर्षित हैं। पशु-पक्षियों क
बहराइच : तालाब की सेवा करना कोई राजेश से सीखे। तट की साफ-सफाई से ग्रामीण आकर्षित हैं। पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने का यह अहम स्थान है। इसे साफ रखने के लिए स्वयं इसके मालिक कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कहते हैं कि तालाब की सेवा से कइयों का भला हो रहा है। पारिवारिक परंपरा को वे आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसी परंपरा को हर व्यक्ति को आत्मसात करने की जरूरत है।
बात जरवल ब्लॉक के ग्रामपंचायत बंभौरा के मजरा बरुहा की है। यहां स्वर्गीय मुन्ना ¨सह पुत्र राम¨सह ने तकरीबन सौ वर्ष पूर्व अपने घर के पास ही खेत में तालाब की खुदाई कराई। उस समय उनका सोचना था कि इससे क्षेत्र के पशु व पक्षी यहां आकर पानी पिएंगे। तालाब की काया देख लोग सुकून महसूस करते हैं। मुन्ना ¨सह के देहावसान के बाद उनके पुत्र राजेश ¨सह ने इस कार्य की वागडोर संभाल ली। बकौल राजेश, गर्मी के दिनों में जब तालाब में पानी कम हो जाता है तो वे स्वयं के प्रयास से तालाब में पानी भरवाते हैं। इसके पीछे पशु पक्षियों के लिए सेवा कर पुण्य कमाने की सोच है। वे कहते हैं कि तालाब के तट पहले भी साफ रहते थे, लेकिन वे अब इसे नियमित रूप से साफ-सुथरा रखने में पीछे नहीं हैं। तालाब में जलभराव से जहां पशु-पक्षियों को लाभ हो रहा है, वहीं जलस्त्रोत भी मजबूत हो रहा है। राजेश कहते हैं कि अभी भी अपने साथ-साथ दूसरों के करने के लिए कार्य क्षेत्र बड़ा है। इसके पीछे सोच की जरूरत है। अपने पिता के शुरू किए हुए कार्य को वे आगे बढ़ा रहे हैं। उनका कहना है कि लोग ऐसे अभियान में स्वयं के प्रयास से गांवों में निष्प्रयोज्य जमीन का सदुपयोग करें।