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शोपीस साबित हो रहे आर्सेनिक रिमूवल प्लांट

बहराइच: तराई क्षेत्र अन्तर्गत पेयजल में घुले आर्सेनिक तत्व से निजात के लिए इंडिया मार्का टू हैंडपंप

By Edited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 01:12 AM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 01:12 AM (IST)
शोपीस साबित हो रहे आर्सेनिक रिमूवल प्लांट

बहराइच: तराई क्षेत्र अन्तर्गत पेयजल में घुले आर्सेनिक तत्व से निजात के लिए इंडिया मार्का टू हैंडपंप में आर्सेनिक रिमूवल प्लांट लगाया गया। शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लगाए गए यह प्लांट पूरी तरह बदहाली की गिरफ्त में हैं। वर्षो से खराब पड़े यह प्लांट निष्प्रयोज्य साबित हो रहे हैं।

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आर्सेनिक की मौजूदगी पानी को विषैला बना रही है। जिले का तेजवापुर विकास खंड इस मामले में बेहद संवेदनशील है। आसपास के महसी, फखरपुर, चित्तौरा व शिवपुर ब्लाक भी इससे अछूते नहीं है। भू-जल में आयरन, आर्सेनिक, फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने से कई तरह की बीमारियों को जन्म देती है। दूषित जल से किडनी, डायरिया, पीलिया, फाइलेरिया सहित कई अन्य बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है। प्रभावित क्षेत्र में इंडिया मार्का टू हैंडपम्प पर आर्सेनिक रिमूवल प्लांट लगवाए गए। प्राथमिक विद्यालय परिसर में भी यह प्लांट लगाए गए। विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्लांट नलों की टोटी से पानी के साथ निकलने वाले हानिकारक तत्वों को फिल्टर कर शुद्ध पेयजल मुहैया कराते हैं। यूपी जलनिगम व आर्सेनिक मिटीग्रेशन प्रोजेक्ट (बैम्प) के विशेषज्ञों ने कैंप लगाकर ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ प्लांट की साफ-सफाई व फिल्टर के रखरखाव के बारे में प्रशिक्षित किया। परन्तु उनका यह अभियान ज्यादा दिन तक टिकाऊ नहीं रहा। रखरखाव के अभाव में अधिकांश प्लांट निष्प्रयोज्य पड़े हैं। महसी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय गंगापुरवा प्रथम में लगा प्लांट पूरी तरह से खराब पड़ा है। पानी की टोटी टूटी हुई है। कूड़ा-करकट से आर्सेनिक प्लांट पटा पड़ा है। गांव निवासी मुबारक, मोहर्रम अली सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि वर्षो से यह खराब पड़ा है। कोई पुरसाहाल नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट लगने के कुछ दिन तक ठीक-ठीक चला फिर स्थिति जस की तस हो गई। यही स्थिति फखरपुर विकास खंड के धर्मापुर के पहिया व तेजवापुर के नौशहरा स्थित प्राथमिक विद्यालय परिसर में लगे आर्सेनिक रिमूवल प्लांट की है। एसडीएम घनश्याम का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। आर्सेनिक प्लांटों जो खराब पड़े हैं उन्हें सही कराने के लिए संबंधित विभाग को पत्र भेजा जाएगा।


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