शिक्षा की रोशनी फैला रहे शिक्षक दंपती
बहराइच: स्थानीय केबी इंटर कॉलेज के पूर्व प्रवक्ता के जीवन का मूल संकल्प अंधेरे पर विजय प्राप्त करना
बहराइच: स्थानीय केबी इंटर कॉलेज के पूर्व प्रवक्ता के जीवन का मूल संकल्प अंधेरे पर विजय प्राप्त करना है। महाकवि गोपाल दास नीरज की पंक्तियां 'जलाओ दिये पर रह ध्यान इतना, अंधेरा धरा पर कहीं रह जाएं' से प्रेरित होकर इस शिक्षक दंपती ने गरीब और असहाय बच्चों की निशुल्क शिक्षा एवं संस्कार देने का बीड़ा उठाया और अपनी ही जमीन पर ऋषि बाल्मीकि पाठदान संस्कार केंद्र खोला। अपनी पेंशन के सहारे चार-चार मानदेय शिक्षक रखकर समाज के अंधेरे से संघर्ष कर रहे हैं।
जीव विज्ञान व इतिहास के शिक्षक कोट बाजार निवासी परमेश्वर सिंह व उनकी अवकाश प्राप्त शिक्षक पत्नी इंदिरा सिंह समाज को सुशिक्षित व संस्कारवान देखने की इच्छा मन में पाले हुए हैं। परमेश्वर सिंह वर्ष भर सामाजिक व राष्ट्रीय कार्यक्रमों में सहभागिता करते हैं। उन्होंने पर्यावरण, सांस्कृतिक विरासत और इतिहास पर कई पुस्तकें लिखी हैं जो प्रदेश के कई महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में भी शामिल हैं। समाज में व्याप्त अज्ञानता इस दंपती को गहराई तक चोट पहुंचाती है। रिटायर होने के बाद शिक्षक दंपती ने अपनी निजी जमीन पर जीवन भर एकत्र किये पीएफ के धन से ऋषि बाल्मीकि पाठदान संस्कार केंद्र की स्थापना की। वह अपने क्षेत्र में गरीब व निचले परिवार से अज्ञानता मिटाने का संकल्प लेकर शिक्षा की रोशनी फैला रहे हैं। वर्तमान में अर्चना गुप्ता, राम नरेश मिश्र, नवीन कुमार निगम शाम चार से सात बजे तक संस्कार केंद्र में बच्चों को विषय का ज्ञान देते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का जिम्मा राखी निगम के जिम्मे हैं। मुस्लिम समाज की बालिका रजिया बानो व ¨हदू समाज की प्रिया सिंह मानीटर की जिम्मेदारी निभाती हैं। परमेश्वर सिंह कहते हैं कि समाज की शिक्षा के लिए समाज के लोगों का आगे आना होगा।