रिटायर होने के बाद भी फैला रहे शिक्षा का उजाला
श्रावस्ती: जिले का शैक्षिक स्तर देश के न्यूनतम शिक्षा प्रतिशत का पैमाना है। साक्षरता की फेहरिस्त में
श्रावस्ती: जिले का शैक्षिक स्तर देश के न्यूनतम शिक्षा प्रतिशत का पैमाना है। साक्षरता की फेहरिस्त में सबसे निचले पायदान पर खड़े श्रावस्ती में सुशिक्षित समाज को दिशा देने के लिए सेवानिवृत्त शिक्षक उदयराज मिश्र तत्पर हैं। अमवा गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय को जब नदी की धारा में समाहित हो गया तो मिश्र ने अपने घर में विद्यालय खोलवाकर बच्चों के भविष्य को सुरक्षित होने की उम्मीद जगाई। यही नहीं सेवानिवृत्त होने के बाद भी साक्षरता अभियान से जुड़ कर शिक्षा की दिशा में समाज को अपना योगदान दे रहे हैं।
वर्ष 2009 में उच्च प्राथमिक विद्यालय मुजेहना से प्रधान शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र में काम करने का उनका जज्बा कम नहीं हुआ। जिले से अशिक्षा का कलंक मिटाने के लिए वे साक्षर भारत मिशन के तहत चलाए जा रहे साक्षरता कार्यक्रम से जुड़ गए। संकुलवार अशिक्षित महिलाओं व व्यक्तियों को चिंहित कर उन्हें अक्षर ज्ञान कराने में जुटे हैं। क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा मिलती रहे इसके लिए जब गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय का भवन वर्ष 2002 में नदी की धारा में समाहित हो गया तो उन्होंने अपने घर में ही विद्यालय खोलवा दिया। 12 वर्ष से प्राथमिक विद्यालय अमवा इनके ही घर में चल रहा है। वर्ष 1964 में मोक्ष द्वार उच्च माध्यमिक विद्यालय कुरसहा से अपने शिक्षक जीवन का सफर शुरू करने वाले श्री मिश्र 1967 में प्रशिक्षण लेने के बाद परिषदीय विद्यालय में सेवारत हो गए। तब से शिक्षक, प्रधान शिक्षक के साथ इन्होंने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में बतौर शिक्षक प्रशिक्षण प्रभारी भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर उन्हें वर्ष 2014 में राज्य सरकार की ओर से पुरस्कृत भी किया जा चुका है।