खुली जिम्मेदारों के आंखों की पट्टी, रुकी वसूली
बहराइच: संजय सेतु पर अरसे से चल रही टोल टैक्स वसूली गुरुवार की रात से बंद करा दी गई है। अधिकारियों न
बहराइच: संजय सेतु पर अरसे से चल रही टोल टैक्स वसूली गुरुवार की रात से बंद करा दी गई है। अधिकारियों ने साफ तौर निर्देशित करते हुए इसे बंद कराने का हुक्म जारी कर दिया। निर्देशों के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बैरियर हटवा दिये। अब इस रास्ते से गुजरने वाले वाहनों को किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा।
दरअसल संजय सेतु को सन् 86 में बनाया गया था। करीब 28 साल पहले बने पुल से टोल टैक्स के नाम लागत से अधिक की वसूली बरसों पहले की जा चुकी है। अफसरों की मानें तो साढे़ चार करोड़ की लागत से तैयार हुए इस पुल से पुलाही के नाम पर 22 करोड़ से अधिक की धनराशि वसूल की जा चुकी है। बीते 22 अक्टूबर को भारत सरकार इस वसूली को बंद करने को कहा गया था। बावजूद इसके टोल टैक्स वसूली जारी रही। इस मसले पर गुरुवार की शाम जब अफसरों से फिर से पूछा गया तो उन्होंने इसे तत्काल बंद कराने को कहा। एडीएम प्रशासन विद्या शंकर सिंह का कहना है कि सड़क राज्य परिवहन मंत्रालय के 22 अक्टूबर, 14 को आये दिशा-निर्देशों के बाद इसे बंद कराया गया है। डीएम सतेन्द्र सिंह का कहना है कि कल रात से इसे तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया गया है। बैरियर हटवा दिये गये हैं। अब इस पुल से गुजरने वाले वाहनों को कर नहीं देना होगा।
आदेशों के बाद भी वसूली के लिए जिम्मेदार कौन?
बहराइच: आदेशों के बाद भी इस वसूली के लिए कौन जिम्मेदार? कहां गई जनता की गाढ़ी कमाई? जनता से बिना नियम वसूला गये इस पैसे का देनदार कौन? आदि तमाम ऐसे प्रश्न हैं जो जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हैं। पिछले 28 बरस से इस पुल पर उगाही की जा रही थी। क्यों? जब अफसर इसकी तस्दीक स्वयं करते हैं। रोजाना जिले के प्रशासनिक अमले के तमाम अधिकारी इस टोल टैक्स से गुजरते रहे हैं फिर अनजान बनना समझ से परे है। लोनिवि के अधिशासी अभियंता परवेज अहमद स्वयं स्वीकार कर रहे हैं कि पुल की लागत से कई गुना अधिक की वसूली हो चुकी है। कभी एनएचआइ तो कभी राज्य सरकार के पास होने और अदालती स्टे की वजह से इस पर पूरी तरह रोक नहीं लग पाई। लेकिन एक महीना पहले आये केन्द्र के निर्देशों के बाद इसे तत्काल बंद हो जाना चाहिये था। इस सिलसिले में मंडलायुक्त को भी पत्र लिखा जा चुका है। एडीएम श्री सिंह कहते हैं कि गुरुवार की देर रात से इसे रुकवा दिया गया है। इस संबंध में बीते एक माह पहले ही निर्देश आ गये थे। कुछ कागजी कार्रवाई चल रहीं थीं। लेकिन ठोस निर्देश पहले ही दिये जा चुके थे। पर अचम्भित करने वाली बात है कि अभी तक यानी महीनेभर से अधिक समय बीतने के बाद भी वसूली चल रही है। एडीएम कहते हैं कि ऐसा क्यों और कैसे हुआ इसकी जांच कराई जा रही है। उधर, टोल टैक्स मैनेजर रमेश राय का कहना है कि दिसंबर तक का पैसा जमा कराया गया था। इसीलिये यह वसूली चल रही थी।