हमने यह ठाना है, डॉल्फिन को बचाना है
बहराइच: महसी स्वच्छ गंगा मिशन एवं राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण अन्तर्गत गांगेय डाल्फिन संरक्षण
बहराइच: महसी स्वच्छ गंगा मिशन एवं राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण अन्तर्गत गांगेय डाल्फिन संरक्षण शिक्षण कार्यक्रम के तहत पर्यावरण शिक्षण केन्द्र लखनऊ द्वारा ब्लाक संसाधन केन्द्र गजाधपुर में दो दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में नदियों को प्रदूषण मुक्त करने व राष्ट्रीय जलीय जीव डाल्फिन के संरक्षण पर जोर दिया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन खंड शिक्षा अधिकारी बृजलाल वर्मा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि राष्ट्रीय जलीय जीव को बचाने के लिए हमें मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। खासकर नदी के तटवर्ती गांवों के बच्चों को शिक्षक आसानी से जागरूक कर सकते हैं। अभिभावकों को भी देश में चल रहे पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों की विस्तृत जानकारी देकर जागरूक किया जाए। पर्यावरण शिक्षण केन्द्र के परियोजना अधिकारी मुकेश गुप्ता ने बताया कि गांगेय डाल्फिन की उपस्थिति नदी की स्वच्छता व निर्मलता को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि डाल्फिन हमेशा स्वच्छ और साफ जल में रहती है। डाल्फिन के संरक्षण के लिए नदियों को स्वच्छ तथा प्रदूषण मुक्त बनाना होगा। परियोजना अधिकारी विद्याभूषण सिंह ने शिक्षकों से अपील की कि वे अपने स्तर से इस कार्यक्रम को स्कूलों में संचालित कराएं। प्रोजेक्ट एसोसिएट विपिन वर्मा व अजय वर्मा ने बताया कि गांगेय डाल्फिन संकट के दौर से गुजर रही है। उन्होंने बताया कि पूरे भारत में इनकी संख्या कुल 1200 से 2000 के बीच है। शिक्षकों ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दोहराया। इस मौके पर एबीआरसी मधूलिका चौधरी, नरेन्द्र चौहान, जिलेदार वर्मा, संजय चौहान, कमलेश पाण्डेय, श्याम सुन्दर त्रिवेदी, जनक राज सिंह सहित अन्य शिक्षक मौजूद रहे।