जानिए : रैबीज से कम, लापरवाही से होती है मौत
बहराइच : कुत्ता काट ले तो लापरवाही न बरतें। समय से एआरवी क्लीनिक पहुंचें और लगवाएं तत्काल एंटी रैबीज इंजेक्शन। चिकित्सकों की मानें तो कुत्ता, बंदर, सियार सहित अन्य आवारा पशुओं के काटने से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। इलाज वह भी समय से जरूरी है। इसके लिए न तो इंतजार करें और न ही झाड़-फूंक के चक्कर में पड़े। समय से एंटी रैबीज मिलना ही जीवनदान है। प्रस्तुत है चिकित्सकों से बातचीत
गले में काटे तो तत्काल लें परामर्श : वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.आरएस बरनवाल कहते हैं कि यदि कुत्ता गले के ऊपर काटे तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करते हुए एआरवी इंजेक्शन लगवाएं। इंजेक्शन के सारे डोज नियमित समय पर लगवाएं।
तत्काल घाव को धोएं और पहुंचे क्लीनिक: फिजीशियन डॉ.परितोष मिश्रा का कहना है कि कुत्ता जिस स्थान पर काटे घाव को तत्काल धोएं। बेहतर होगा अगर डिटाल और लाइफबॉय का प्रयोग करें। बहते हुए पानी में घाव का धोना खासा लाभकारी होगा। पानी के बहाव में रैबीज के लार्वा बह जाते हैं।
हर सीएचसी-पीएचसी पर है इंजेक्शन
बहराइच : मेडिकल अफसरों का कहना है कि एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए सिर्फ जिला चिकित्सालय की तरफ ही पीड़ित न भागे। बेहतर होगा अपना समय और पैसा बर्बाद होने से बचाएं और पास के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और इंजेक्शन लगवाएं। अगर वहां चिकित्सक कोताही बरतते हैं या एंटी रैबीज न होने की बात कहते हैं तो इसकी तत्काल सूचना दें। कार्रवाई होगी।
-प्राथमिक उपचार
-बहते पानी की धार में घाव धोएं।
-डिटाल और लाइफबॉय साबुन का घाव धोने में कर सकते हैं इस्तेमाल।
-कुत्ता काटे व्यक्ति के व्यवहार में यदि कोई परिवर्तन नजर आए तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें।
-कुत्ता काटने पर झाड़-फूंक से बचें।
-एंटी रैबीज इंजेक्शन समय से लगवाएं और निर्धारित डोज समयानुसार लगवाएं।