नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़, कौन जिम्मेदार? कार्रवाई का इंतजार
बहराइच: 'ये कैसे स्कूल? जमीन का पता न मान्यता का' शीर्षक से बीते तेरह सितंबर को नौनिहालों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ को लेकर 'जागरण' में एक समाचार प्रकाशित किया गया था। समाचार प्रकाशित होने के बाद अफसरों ने क्षणिक तेजी दिखाई और सब कुछ फिर से पुराने ढर्रे पर है। न कोई ठोस जांच हुई और न ही कार्रवाई। यही नहीं जिम्मेदारों की बेशर्मी का आलम यह रहा कि उस ओर झांकने तक कोई नहीं गया। नतीजा सब कुछ ज्यों का त्यों है।
शिक्षा क्षेत्र जरवल में दर्जनों विद्यालय ऐसे हैं जो मानक विहीन और गैर मान्यता प्राप्त हैं। ग्राम झुकिया के निकट लखनऊ-बहराइच मार्ग पर सड़क के किनारे रेलवे के क्र्वाटर और पीडब्ल्यूडी की जमीन में संचालित हो रहे विद्यालय की खबर जागरण में छपी थी। खबर छपने के पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी जरवल को उसके बारे में जानकारी नहीं थी। आज जब उनसे पुन: इस मुद्दे पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी विभाग से किसी कार्रवाई का आदेश उन्हें नहीं मिला है, न उन्हें अखबार की कटिंग ही मिली है, जिससे वह कार्रवाई कर सकें। जबकि शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत यदि कोई भी स्कूल बगैर मान्यता के संचालित होता है तो उसके लिए क्षेत्र के बीईओ को ही जिम्मेदार माना गया है। समस्या की जानकारी आम जनता को है, लेकिन जिम्मेदारों को नहीं। अब कार्रवाई कौन करेगा? यह वक्त बताएगा।