कटान से सिमट रहा हरियाली का दायरा
बहराइच: घाघरा के मुहाने पर बाग बगीचा हो या घर जमीन जो सामने पड़ा लहरों के आगोश में समा गया। कटान की जद में आए गांवों के ग्रामीणों को अपनी गृहस्थी समेटने के साथ पसीना बहाकर तैयार किए गए पेड़ पौधों को काटना मजबूरी बन गया है। मुहाने पर लगी हरियाली पर विवश होकर आरा चलाने को मजबूर हैं। जिससे हरियाली का भी दायरा सिमट रहा है। कायमपुर गांव पर कटान का खतरा लगातार बढ़ रहा है। कटान की तीव्रता देख ग्रामीण अपने आशियानें समेटकर सुरक्षित स्थान पर शरण ले रहे हैं। कोढ़वा गांव निवासी एक ग्रामीण का आशियाना लहरों मे विलीन हो गया।
घाघरा से कटान का दायरा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। लहलहाती फसलों व आशियानों के साथ हरियाली पर भी संकट बढ़ गया है। एक के बाद एक गांव कटान की जद में आ रहे हैं। पिपरी, माझादरिया और पचदेवरी के बाद अब नदी का रूख कायमपुर व गोलागंज की ओर है। कायमपुर में कटान तेज गति से हो रही है। लहलहाती फसलें लहरों की भेंट चढ़ रही है। करीब तीन एकड़ कृषि योग्य जमीन लहरों की जद में समा गई। ग्रामीण अपने कच्चे पक्के मकानों को उजाड़ रहे हैं। गांव निवासी बदलूराम, राममिलन, रामसूरत सहित दर्जनों ग्रामीणों की लहलहाती फसलों को समेट रही है। कटान के भय से दर्जनों ग्रामीण अपनी गृहस्थी समेटकर सुरक्षित स्थान की ओर कूच कर गए हैं। मंगलवार को भी कई ग्रामीण अपनी गृहस्थी सहेजते नजर आए। दूसरी तरफ कोढ़वा गांव में भी कटान शुरू हो गई। गांव निवासी सुरेश चन्द्र का आशियाना लहरों में विलीन हो गया। गोलागंज में भी आजीविका का साधन बनीं लहलहाती फसलें धारा में समा रही है। तहसीलदार लव कुमार सिंह ने बताया कि कटान की सूचना मिली है। क्षेत्रीय लेखपाल को प्रभावित गांव पर सतर्क निगाह रखते हुए पीड़ित परिवारों को पालीथिन व अन्य सहायता मुहैया कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।