काउंसिलिंग में शिक्षामित्रों से मांगे गए विकल्प
बहराइच : सहायक अध्यापक पद पर शिक्षामित्रों की नियुक्ति के लिए महिला व विकलांग शिक्षामित्रों ने विकल्प चुने। शहर के राजकीय इंटर कॉलेज में काउंसिलिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया था। शिक्षामित्रों की भारी भीड़ मौजूद रही। 322 में 320 शिक्षामित्रों ने विद्यालयों का विकल्प चुना।
जिले में 668 ऐसे विद्यालय हैं जहां पर कोई अध्यापक तैनात नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षामित्रों के समायोजन में बंद पड़े विद्यालयों को प्राथमिकता दी गई है। शासनादेश में महिला व विकलांग शिक्षामित्रों को वरीयता देते हुए तीन विद्यालयों का विकल्प चुने जाने का प्राविधान है। सोमवार को जिले के 322 महिला व विकलांग शिक्षामित्रों को विकल्प चुनने के लिए शहर के राजकीय इंटर कॉलेज में बुलाया गया था। 320 शिक्षामित्रों ने विद्यालयों का विकल्प चुना। इसमें से 32 विकलांग शिक्षामित्र भी हैं। जिसमें 15 पुरुष व 17 महिलाएं शामिल हैं। खबर लिखे जाने तक दो शिक्षामित्रों ने काउंसिलिंग में प्रतिभाग नहीं किया था। विभागीय सूत्रों के मुताबिक शेष शिक्षामित्रों को विकास खंडों के अल्फाबेट के हिसाब से विद्यालय का आवंटन किया जाएगा। इस मौके पर मुक्तिशरण श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव, एबीएसए वीरेंद्र नाथ द्विवेदी, शोभनाथ यादव, शमशेर सिंह, राजेश सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।
प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने बीएसए को सौंपा पत्र
बहराइच : सोमवार को उ.प्र. प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों ने बीएसए को शिक्षामित्रों को विकास खंड में ही तैनाती किए जाने संबंधी एक पत्र सौंपा। सौंपे गए पत्र में प्रदेश प्रवक्ता शिवश्याम मिश्र का कहना है कि बंद विद्यालयों की अपेक्षा समायोजित होने वाले शिक्षामित्रों की संख्या कम है। इसलिए जहां तक संभव हो उनकी तैनाती विकास खंड में ही की जाय। इस मौके पर संरक्षक आशुतोष शुक्ला, जिला प्रभारी कमलेश वर्मा, कोषाध्यक्ष अवधेश वर्मा, अनिल सिंह, राजेश सिंह, शेषराज तिवारी, महेंद्र सिंह, गिरीश जायसवाल, राहुल पांडेय सहित अन्य उपस्थित रहे।