दुष्कर्म के आरोपी को दस वर्ष का सश्रम कारावास
बहराइच : अपर सत्र न्यायाधीश एके वशिष्ठ ने अभियुक्त विकेश कुमार उर्फ विक्की पाठक को बलात्कार का दोष सिद्ध पाये जाने पर दस वर्ष के सश्रम कारावास तथा दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड जमा न करने पर अभियुक्त को छह माह अतिरिक्त सश्रम कारावास भोगना होगा।
अभियोजन पक्ष के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संत प्रताप सिंह के अनुसार थाना खैरीघाट के साकिन छत्तरपुर निवासी राम निवास ने न्यायिक मजिस्ट्रेट बहराइच के न्यायालय पर धारा 156(3)के तहत 17 फरवरी 2007 को प्रार्थना पत्र दिया कि प्रार्थी की लड़की उम्र 14 वर्ष 3 फरवरी 2007 को अपने खेत में धनिया की निराई कर रही थी। समय लगभग 9 बजे गांव के विकेश कुमार पाठक उर्फ विक्की उर्फ सुरेश पाठक प्रार्थी के खेत में पहुंचे और प्रार्थी की लड़की को पकड़ कर उसकी ओढ़नी से उसका मुंह बंद करके उसके साथ जबरन बलात्कार करने लगे। इतने में प्रार्थी अपने खेत पर पहुंच गया और विक्की पाठक को बेजा हरकत करने से मना किया तथा पकड़ने की कोशिश की। परन्तु विकेश कुमार पाठक छुड़ाकर भाग गया। प्रार्थी की लड़की ने रोते हुए सारी बात बताई। प्रार्थी ने उसी हालत में थाना सहित थाना खैरीघाट जाकर घटना की सूचना दी। परन्तु न तो रिपोर्ट दर्ज की गई और न पीड़िता की डॉक्टरी कराई गई। कार्रवाई न होने पर 6 फरवरी को बजरिये रजिस्ट्री डाक पुलिस अधीक्षक, राज्य महिला आयोग व अध्यक्ष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सूचना दी। फिर भी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। इस प्रार्थना पत्र पर न्यायालय ने 12 अप्रैल को थाना खैरीघाट को मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया गया। पीड़िता का चिकित्सकीय परीक्षण एवं रेडियोलाजिकल परीक्षण कराया गया। अपर सत्र न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क वितर्क सुनने एवं साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त का दोष सिद्ध मानते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के अपराध के लिए दस वर्ष के सश्रम कारावास तथा दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्त को छह माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भोगना होगा। अर्थदंड जमा किये जाने की स्थिति में सम्पूर्ण अर्थदंड की धनराशि पीड़िता को दी जाएगी।