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खत्म हुआ अरनवा बगिया का अस्तित्व

By Edited By: Published: Sat, 27 Jul 2013 01:05 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2013 01:06 AM (IST)
खत्म हुआ अरनवा बगिया का अस्तित्व

बहराइच : घाघरा नदी का जलस्तर अब निरंतर घट रहा है। इससे कटान तेज हो गयी है। महसी तहसील के बांसगढ़ी के अरनवा बगिया का अस्तित्व समाप्त हो गया है। जिले की नानपारा, महसी व कैसरगंज तहसील में कटान में तेजी आ गई है। महसी तहसील के बांसगढ़ी व पचदेवरी में नदी तेजी से कटान कर रही है। चुरईपुरवा गांव घाघरा के मुहाने पर है। कटान से 32 आशियाने व 50 बीघे कृषि योग्य जमीन घाघरा में समा गयी। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा खतरे के निशान से 37 सेमी ऊपर बह रही है।

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चुरईपुरवा की तरफ तेज कटान कर नदी गांव की तरफ बढ़ रही है। लोग अपनी गृहस्थी समेट कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। शुक्रवार को अरनवा बगिया के छत्रपाल, लालजी, हरिद्वार, कंधई, रामपाल, माधवराम, रामसहारे, आशाराम, माया, लच्छी, श्यामूलाल, जवाहिर, सत्यनरायन, जगरूप, रामअधार, राजू, अजय कुमार, समयदीन, अशोक, राजकुमार, वकील, मिलन, रामपल्टन, अरविंद, जीवनकली, मिश्री, जनका, रामसहारे, विजयराज, फूलबक्श, सुखराज, अवधराज सहित 32 लोगों के आशियाने कटान की भेंट चढ़ गए। एसडीएम वीके सिंह ने कटान प्रभावित गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

बाढ़ पीड़ितों को मिली जमीन

महसी : टेपरी, शुकुलपुरवा व कहारनपुरवा के 38 ग्रामीणों को अस्थाई तौर पर बसाने के लिए बौंडी के शारदासिंहपुरवा में ग्राम समाज की भूमि का चिह्नांकन किया गया है।

तटबंध पर बनेंगे अस्थाई आंगनबाड़ी केंद्र

महसी : डीएम के निर्देश पर तटबंध पर रह रहे बच्चों के लिए पका-पकाया भोजन देने की योजना बाल विकास विभाग ने तैयार की है। शुक्रवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार मौर्य ने क्षेत्र का भ्रमण कर स्थल का चयन किया। उन्होंने बताया कि फखरपुर विकास खंड के घूरदेवी, तारापुरवा, गोलागंज व महसी के किसानगंज, पिपरी मोहन, सिंगिया नसीरपुर स्थित तटबंध पर केंद्र संचालित किया जाएगा।

पानी घटा, अब बीमारियों की चिंता

जरवल रोड : बाढ़ क्षेत्र के गांवों में पानी घटने से गंदगी व्याप्त है। जिससे संक्रामक रोगों का खतरा उत्पन्न हो गया है। जरवलरोड थाना क्षेत्र के ग्रामपंचायत अहाता सहित अन्य मजरों में लगभग दस दिनों से पानी भरा हुआ था। जलस्तर घटने के साथ आबादी से पानी जरूर कम हो गया है, लेकिन ग्रामीण बुखार, उल्टी-दस्त व अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं। पंद्रह किलोमीटर की परिधि में बसे ग्रामपंचायत अहाता व उसके 14 मजरों में एक बाढ़ चौकी गनेशपुर में स्थित है। चिकित्सकों की टीम वहीं कैंप कर रही है। बाढ़ में फंसकर मरे जानवरों व घास-फूस में सड़न से लोगों को परेशानी हो रही है।

डीएम ने देखीं बाढ़ पीड़ितों की समस्याएं

बहराइच : जिलाधिकारी किंजल सिंह ने आज बाढ़ एवं कटान प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। तहसील कैसरगंज स्थित बाढ़ राहत केंद्र रामजानकी मंदिर कटरिहा डीह पर गयीं और वहां मौजूद पीड़ितों से अनाज व दवाइयां मिलने की जानकारी की। नौगोइयां, लोधनपुरवा, गोड़ियनपुरवा, गोड़हिया नंबर चार, मतरेपुर समेत कई इलाकों का उन्होंने मुआयना किया। मौके पर मौजूद चिकित्सक टीम से भी उन्होंने वार्ता की। मेडिकल किट और बाल पोषाहार वितरण का स्वयं जायजा लिया। मतरेपुर में एक रोजेदार महिला और एक गर्भवती आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की समस्या देख उन्होंने वितरण कार्य से अलग हटाया। इस मौके पर एडीएम प्रेमप्रकाश सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी एन लाल, एसडीएम संजय कुमार, जिला पूर्ति अधिकारी संजय कुमार, जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन जीतेंद्र प्रताप सिंह समेत कई लोग मौजूद थे।

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