सलाखों के पीछे पहुंचा मोहकम
बागपत। महिलाओं के लिये तुगलकी फरमान सुनाने और पुलिस के साथ मारपीट काआरोपी मोहकम एसीजेएम की अदालत में पेश हुआ। न्यायाधीश ने आरोपी का जमानती प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। उधर दलितों की बारात में डीजे बंद करवाने के मुकदमे में पुलिस ने सीजेएम अदालत में आरोपी के खिलाफ ज्यूडिशियल रिमांड बनाने का प्रार्थना पत्र दिया। दोनों ही मामलों में आरोपी को पुलिस की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
असारा निवासी मोहकम पहलवान चारों ओर से घिर गया है। 12 जुलाई-12 को पुलिस के साथ मारपीट एवं बाइक जलाने के आरोप में मोहकम ने 22 अक्टूबर को एसीजेएम की अदालत में सरेंडर किया था। अधिवक्ता जयवीर सिंह तोमर ने बताया कि न्यायाधीश ने उसे अंतरिम जमानत दे दी थी तथा अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर मुकर्रर की थी। मोहकम तय समय पर मंगलवार सुबह लगभग 11 बजे एसीजेएम की अदालत में पेश हुआ।
सुनवाई के बाद न्यायाधीश राजीव कुमार पालीवाल ने उसका जमानती प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। उधर तीन दिन पहले मोहकम ने असारा में दलितों की बारात में डीजे बंद करा दिया था। इस मामले में मोहकम समेत तीन के खिलाफ रमाला थाने में एससीएसटी एक्ट का मुकदमा कायम किया गया था। पुलिस ने सीजेएम अदालत में ज्यूडिशियल रिमांड बनाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया, जिसके आधार पर न्यायाधीश जी प्रसाद ने आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में हिरासत में लेने का आदेश दिया। दोनों ही मामलों में आरोपी को मेरठ जेल भेज दिया गया।
उधर आरोपी ने फिर कचहरी में कहा कि पंचायत में उसने जो फैसला सुनाया है वह सामाजिक हित में है। वह अपने फैसले पर कायम है और पंचायतें आगे भी होती रहेगी। वह पुलिस से डरने वाला नहीं है। गांव में 26 नवंबर को महापंचायत होगी। उसने दलितों को भी धमकी देते हुए कहा कि वह झूठा मुकदमा कराने पर उन्हें ऐसा सबक सिखाएगा कि भविष्य में उसके खिलाफ शिकायत नहीं करेंगे।
इन्होंने कहा..
मोहकम पुलिस के साथ मारपीट, बाइक जलाने, हाईवे जाम करने एवं दलितों की बारात में जबरन डीजे बंद कराने का आरोपी थी। वह जेल चला गया है। डीजे बंद कराने के मामले में दो आरोपी अभी फरार हैं। गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
लव कुमार, एसपी बागपत
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