असारा में टूटा 65 साल का रिकार्ड
-1947 से गांव में शांति
-गांव के लोगों में आपसी सद्भाव और प्रेम भावना
जागरण कार्यालय, बड़ौत :
असारा गांव में अस्सी फीसदी मुस्लिम और बीस फीसदी हिंदू हैं। गांव के लोग आपसी सौहार्द और भाईचारे की अलग ही मिसाल कायम कर रहे थे, लेकिन 65 वर्षो की शांति को चंद मिनटों के पंचायती फैसलों ने खत्म कर दिया।
1947 से पहले की घटनाओं को छोड़ बाद का जिक्र किया जाए तो असारा गांव भाईचारे की मिसाल है। मुस्लिम परिवार अधिक होने के बाद भी गांव के लोगों में आपसी सौहार्द की भावना है। गांव में पहले भी ढेरों पंचायत हुई, लेकिन 7 जुलाई को हुई पंचायत में जो फैसले लिए गए उसने 65 वर्षो की शांति पल भर में चकनाचूर कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत पर इतना हाय-तौबा मचेगा, सपने में भी ऐसा नहीं सोचा था। अब गांव का हर व्यक्ति शांति की कामना कर रहा है। ग्राम प्रधान के भाई नसीम का कहना है कि गांव में कभी भी कोई बड़ा विवाद नहीं हुआ है। यहां सभी लोग आपसी भाईचारा व मेल-मिलाप के साथ रहते हैं।
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