समाज की भलाई को लाया पहली कांवड़
, बागपत: हर ओर शिवभक्तों का सैलाब और बम-बम भोले की गूंज। किसी को बेटा चाहिए तो किसी को नौकरी या दू
, बागपत:
हर ओर शिवभक्तों का सैलाब और बम-बम भोले की गूंज। किसी को बेटा चाहिए तो किसी को नौकरी या दूसरी इच्छापूर्ति की चाहत, लेकिन अनुज को चाहिए समाज की भलाई। मन की मुराद पूरी करने को 21 साल की आयु में अब वह हरिद्वार से पहली कांवड़ लाया और परशुरामेश्वर महादेव मंदिर पुरा में भगवान आशुतोष का जलाभिषेक किया।
दैनिक जागरण के पूछने पर बोला कि वह बागपत निवासी है। घर में वह और उनकी मां है। पिता की मौत के बाद मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। घर खर्च चलाने को कक्षा सात बाद ना चाहते हुए भी पढ़ाई छोड़नी पड़ी।
बाइक मैकेनिक की दुकान पर काम सीखा। अब बाइक संवारने का काम कर हर माह आठ-दस हजार रुपये कमा लेता है। लेकिन जब फलां जगह कत्ल हो गया और वहां तनाव बना है तो ऐसी न्यूज पढ़कर और सुनकर बड़ा दुख होता है। चंद रोज पहले जब लोग कांवड़ लाने को हरिद्वार रवाना होते देखा तो मन में आया कि-क्यों न हरिद्वार से गंगा जल लाकर भोले बाबा से समाज की सुखशांति और देश की तरक्की की मन्नत मांगे? यही सोचकर वह घर से निकल पड़ा और पंद्रह जुलाई को हरिद्वार से कांवड़ लेकर चला। 21 जुलाई की रात दो बजे पुरा महादेव पहुंचा और सबुह भगवान आशुतोष का जलाभिषेक किया।
अनुज को अटूट विश्वास है कि भोले बाबा उनकी मन की मुराद अवश्य पूरी करेंगे। दूसरों की भलाई की सोचेंगे तो उनका भला खुद हो जाएगा।..भगवान सबके मन की बात जानते हैं। पैरों में छाले पड़ गए लेकिन दर्द महसूस नहीं हुआ। थकावट तो पास नहीं फटकी, क्योंकि भोले बाबा को पता है कि अपने लिए नहीं समाज के लिए कांवड़ ला रहा है। अनुज के साथ उनका दोस्त मोनू निवासी अहैडा भी कांवड़ लाया है। पूछने पर मोनू बोला कि इसलिए कांवड़ लाया है कि भोले बाबा खुश होने से कहीं नौकरी लग जाए। जल चढ़ाते समय बोलकर आया है कि नौकरी लगने पर वह नंगे पैर कांवड़ लाकर जल चढ़ाएगा।