बाढ़ का खतरा अभी दूर, यमुना के कई हिस्से सूखे
बागपत: पश्चिमी उप्र के कई जिलों में बाढ़ के खतरे की घंटी के बीच बागपत के लिए अभी सुकून की खबर है। य
बागपत: पश्चिमी उप्र के कई जिलों में बाढ़ के खतरे की घंटी के बीच बागपत के लिए अभी सुकून की खबर है। यहां ऐसा कोई खतरा फिलहाल तो नहीं है। हथिनी कुंड बैराज से दो बार यमुना में पानी छोड़ा गया है, इसके बावजूद अभी भी नदी का काफी हिस्सा ऐसा है, जहां तक पानी नहीं पहुंचा। टापू डूबना तो दूर नदी के अंदर बोयी गई फसल भी अभी सुरक्षित है। बहरहाल, अभी भी नदी में पानी आने का सिलसिला जारी है, क्योंकि दो दिन पूर्व बैराज से एक लाख 37 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
कुछ दिन पूर्व हथिनी कुंड बैराज से 87 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। उससे नदी का सूखा खत्म हो गया था और नदी भरकर बहने लगी थी। उसका पानी सूखने लगा था। दो दिन पूर्व फिर एक लाख 37 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। काफी पानी गुरुवार शाम तक पहुंच गया था, वहीं उसके कुछ हिस्से का पानी अभी भी पहुंच रहा है। शुक्रवार दोपहर बाद स्थिति देखी गई तो ढलान वाले क्षेत्र में पानी काफी मात्रा में भर गया है, जबकि नदी का काफी हिस्सा अभी भी सूखा है। कई तटबंध ऐसे हैं, जिसको अभी तक पानी ने छुआ तक नहीं है। जिस तटबंध तक पानी पहुंचा है, वहां भी पानी अभी कई फीट ऊपर उठने के बाद ही तटबंध के बराबर पहुंच सकेगा। नदी का खतरे का स्तर पार करना या बाढ़ जैसी स्थिति आना तो दूर नदी में बोयी गई फसल भी अभी तक नहीं डूबी है। टापू को भी यह पानी नहीं डुबो सका है। एडीएम लोकपाल ¨सह ने कहा कि नदी में अभी इतना पानी नहीं है कि खतरे या बाढ़ जैसी स्थिति हो। बाढ़ आने की स्थिति में उससे निपटने के पर्याप्त इंतजाम हैं।