मुजफ्फरनगर दंगे के बाद जरायम की दुनिया में उतरा राहुल
बागपत: मुजफ्फरनगर के कवाल के बवाल से शुरू हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद राहुल भी खुलकर जरायम की दुनिया
बागपत: मुजफ्फरनगर के कवाल के बवाल से शुरू हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद राहुल भी खुलकर जरायम की दुनिया में उतर गया। काठा गांव में लियाकत की हत्या भी दंगे से प्रेरित होकर की गई थी। एसपी कार्यालय पर हुई प्रेस कांफ्रेंस में उसने स्पष्ट लफ्जों में कहा कि उसकी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। हालांकि, उसकी इस धमकी के बाद प्रभारी एसपी ने कहा कि अब यह सुधर जाएगा। बाद में कुख्यात को प्रभारी एसपी की हां में हां मिलानी पड़ी।
प्रेस कांफ्रेंस कर प्रभारी एसपी अजय कुमार ¨सह ने राहुल को मीडिया के सामने पेश किया। इस दौरान राहुल ने कहा कि साल 2012 में एक पंक्चर लगाने वाले युवक की हत्या की गई थी, जिसमें उसे बिना वजह फंसा दिया गया। इसी तरह काठा गांव के ही चांद की हत्या की गई, उसमें भी उसे लपेट दिया गया, जबकि यह हत्या उसके साथी कपिल निवासी काठा ने की थी। जब उस पर यह अपराध मढ़ा गया तो बुरा लगा। इसके बाद साल 2013 में मुजफ्फरनगर से सांप्रदायिक दंगे की शुरुआत हो गई। वहां ¨हदुओं को मारा जा रहा था, इसलिए वह सहन नहीं कर पा रहा था। उसकी मंशा भांपते हुए उसके दोस्त कपिल ने बताया कि चांद हत्याकांड में उसके गांव का ही ट्रक चालक लियाकत गवाह है। इसलिए उसकी हत्या की योजना बनाई गई और 14 मार्च को उसे मौत के घाट उतार दिया गया। बाद में उसे पता चला कि गवाह लियाकत नहीं बल्कि चांद का भाई मकसूद था। इसके बाद उसके मन में आया कि अब मकसूद की भी हत्या कर दी जाए।
उसकी हत्या की योजना बनाई जा रही थी कि उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रभारी एसपी ने कहा कि अब जेल में जाकर राहुल सुधर जाएगा। इसके बाद उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया।