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शांति व आनंद देने वाली हो वाणी : चंद्रमति

संवाद सहयोगी, खेकड़ा : बड़ागांव के दिगंबर जैन मंदिर में प्रवचन करते हुए जैन साध्वी ने कहा कि मनुष्य को

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jun 2017 06:44 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jun 2017 06:44 PM (IST)
शांति व आनंद देने वाली हो वाणी : चंद्रमति
शांति व आनंद देने वाली हो वाणी : चंद्रमति

संवाद सहयोगी, खेकड़ा : बड़ागांव के दिगंबर जैन मंदिर में प्रवचन करते हुए जैन साध्वी ने कहा कि मनुष्य को चाहिए कि वह ऐसी वाणी बोले जो मृदु व आनंद और शांति प्रदान करने वाली हो। यदि ऐसी वाणी होगी तो उसका अगला भव भी सुंदर होगा।

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मंगलवार को धर्मचर्चा में प्रवचन करते हुए जैन साध्वी चंद्रमति माता ने कहा कि प्रेम से बड़ा कुछ नहीं, इसके सब कायल होते हैं। प्रेम को सभी अनुभव कर सकते हैं। प्रेम के आंसू भी अलग पहचान में आ जाते हैं। दुख के आंसू अलग होते हैं। शिक्षा प्रदान करने वाले शब्दों का ही प्रयोग करना चाहिए। एक समय में एक काम ही करो। दूसरों के दुर्गुण कभी मत देखो पर ¨नदा से भी बचें। कहा कि मानव को अपनी इच्छाएं सीमित रखनी चाहिए। इच्छाएं ही दुख देने वाली होती है। आलस्य को त्याग पुरुषार्थ करने में मन व ध्यान लगाना चाहिए। तभी जीवन में सफलता प्राप्त हो सकती है। चक्रेश जैन, मुकेश जैन, अतिशय जैन, नवीन कुमार जैन, जनेश्वर दयाल जैन, स्वाति जैन आदि अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।


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